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रोशनी जमीन घोटाले में पूर्व सीएम अब्दुल्ला का नाम आया सामने, बोले- मुझे फसाने की हो रही कोशिश

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के सबसे चर्चित रोशनी एक्ट भूमि घाटाले को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रोशनी घोटाले की लिस्ट सार्वजनिक कर दी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का भी नाम सामने आया है। हालांकि अब्दुल्ला ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
फारूक अब्दुल्ला पर सरकारी जमीन कब्जा कर घर बनाने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, जम्मू के सजवान में उनका जो घर है वो जंगल की जमीन पर है। ये घर 10 कनाल में बना है, इसमें से 7 कनाल जंगल की जमीन है जबकि 3 कनाल जमीन उनकी अपनी है। आरोप ये है कि रोशनी एक्ट के तहत गलत तरीके से जमीन ली गई। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा, मुझ पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
फारूक ने कहा, इलाके में सिर्फ मेरा ही घर नहीं है बल्कि सैकड़ों घर हैं। ये मुझे परेशान करने की कोशिश है, उन्हें करने दीजिए। वहीं इससे पहले पीडीपी, एनसी समेत कांग्रेस के कई नेताओं के नाम इस घोटाले में सामने आए थे। इनमें से एक नाम जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू का भी था। दरअसल 25,000 करोड़ रुपये के कथित रोशनी भूमि घोटाले के मामले की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी। आरोप है कि कश्मीर में प्रदेश के दो बड़े राजनीतिक दलों को करोड़ों की ज़मीन तय मूल्य से 85 प्रतिशत तक के कम मूल्य पर दी गयी।
दरअसल, वर्ष 2001 में नेशनल कांफ्रेंस सरकार ने रोशनी एक्ट बनाया। सरकार ने इस एक्ट के तहत जमा होने वाले राजस्व को पन बिजली परियोजना पर लगाने का तर्क दिया गया था। एक्ट का प्रावधान था कि उन्हीं लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जिनके पास 1999 से पहले से सरकारी जमीनों पर कब्जा है। वर्ष 2004 में इस एक्ट में बदलाव कर वर्ष 1999 से पहले कब्जे की शर्त हटा दी गई। इससे लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जे को दर्शाकर आवेदन किए। एक्ट के तहत मूल्य तय करने के लिए कई कमेटियां बनीं, लेकिन इसमें भी नियमों को ताक पर रखा गया।

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