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अन्नदाता के कारण ही देश में खुशहाली: पंजाब किसान

सोनीपत
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान कुंडली बॉर्डर पर डट गए हैं। किसानों ने कहा, वे अपना हक लेकर ही वापस जाएंगे। उनका कहना है कि अन्नदाता के कारण ही देश में खुशहाली है। उनके शांतिपूर्वक धरने-प्रदर्शन के बावजूद उन पर बल का प्रयोग किया गया। किसान अपनी सभी जायज मांगों के लिए मरते दम तक संघर्ष का मन बना चुका है। सरकार को दमनकारी नीति छोड़कर किसान की मदद करनी चाहिए।
केंद्र सरकार के तीनों कानून किसान विरोधी हैं। किसान इनके खिलाफ शांतिपूर्वक अपना धरना-प्रदर्शन करना चाहता है। यह कानून वापस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है। किसानों पर वाटर कैनन चलाई जा रही है। हमारे साथ गलत किया जा रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है। सरकार नहीं मानेगी तो किसान अपनी रणनीति बनाकर आगे की कार्रवाई करेंगे।
जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। आज सभी किसान संगठनों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि फिलहाल जहां बैठे हैं, वहां पर बैठे रहेंगे। दिल्ली की आर्थिक नाकाबंदी करने से पीछे नहीं हटेंगे। किसान हक के लिए सड़क पर आ गया है। तीनों कानूनों को हर हाल में वापस कराया जाएगा।
सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है। सरकार जब तक तीनों कानूनों में संशोधन कर न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य नहीं किया जाता, तब तक वादे करने का कोई फायदा नहीं है। किसान अपनी लड़ाई लड़ेगा और जीतेगा। इसके लिए अगर छह माह तक रोड पर रुकना पड़ा तो भी किसान पीछे नहीं हटेगा। किसानों को कोरोना के नाम से डराया जा रहा है। जब राजनीतिक दल रैलियां करते हैं तो कोरोना नहीं होता है। किसानों को बरगलाने के बजाय उनकी मांगों को माना जाए।

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