किसान आंदोलन की वजह से कोरोना की स्थिति बिगड़ी तो पंजाब सरकार होगी जिम्मेदार: हरियाणा सीएम

चंडीगढ़
किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा और पंजाब के सीएम आमने-सामने हैं। पिछले दो दिनों से कैप्टन अमरिंदर सिंह और मनोहर लाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। रविवार को एक बार फिर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से अगर कोरोना का संक्रमण बढ़ा तो राज्य की इस स्थिति के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। 
इससे पहले मुख्यमंत्री ने आंदोलन में माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें अवांछित लोग शामिल हो गए हैं। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें नारेबाजी हो रही है कि जब इंदिरा (पूर्व प्रधानमंत्री) के साथ ऐसा कर सकते हैं तो मोदी को क्यों नहीं। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि आंदोलनकारी किसानों के बीच नारेबाजी के जो वीडियो सामने आए हैं, उससे इस बात की पुष्टि हो रही है कि आंदोलन में अवांछित लोग शामिल हैं। हमें इनपुट मिले हैं लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं कर सकते। जांच करवा रहे हैं।
सीएम ने हरियाणा पुलिस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरे संयम से काम लिया और कहीं भी बल प्रयोग नहीं किया। बकौल मुख्यमंत्री इतनी बड़ी संख्या में किसानों के दिल्ली जाने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार से बातचीत तो किसानों के प्रतिनिधियों के द्वारा भी की जा सकती है। उन्होंने पंजाब के किसानों से अपील करते हुए कहा कि उनके प्रतिनिधि इस मामले में केंद्र सरकार से बात करें, क्योंकि बातचीत ही इसका समाधान है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एलान किया कि किसान आंदोलन में कोई भी सियासी पार्टी शामिल नहीं है। किसानों पर कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने के आरोप लगाने पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पर बरसते हुए कैप्टन ने कहा कि पंजाबी कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और दूसरी तरफ हरियाणा है, जिसने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और किसानों को जबरन रोकने के लिए राष्ट्रीय मार्ग पर अड़चनें पैदा कीं। 
कैप्टन ने मनोहर लाल पर झूठ फैलाने और उस मामले में टांग अड़ाने का आरोप लगाया, जिसका उनके राज्य से कोई लेना-देना ही नहीं था। उन्होंने कहा कि हरियाणा द्वारा पंजाब के किसानों पर आंसू गैस छोड़ने, लाठीचार्ज करने और पानी की बौछारें करने से बहुत से किसान जख्मी हुए, ऐसे में किसानों पर जुल्म के लिए मनोहर लाल स्पष्ट तौर पर माफी मांगे। 

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