लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में हाल में हुई बढ़ोतरी के बाद फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता। राज्य के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने कोविड-19 के मद्देनजर सोमवार को दिशानिर्देश जारी किये। प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, जिला, क्षेत्रीय एवं परिक्षेत्रीय पुलिस प्रमुखों को भेजे गए ये निर्देश एक दिसंबर से अगले आदेशों तक लागू रहेंगे। निर्देशों में तिवारी ने कहा, किसी भी राज्य, जिला अथवा नगर प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता। हालांकि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से परिस्थितियों का आकलन करते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसे स्थानीय प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करने के लिए धारा 144 का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि दफ्तरों में सामाजिक दूरी के मानकों का हर हाल में अनुपालन किया जाए। कोविड-19 संक्रमण की 10 प्रतिशत से ज्यादा दर वाले जिलों में एक समय पर उपस्थित कार्मिकों की संख्या को कम रखने के लिये राज्य प्रशासन विचार करके निर्णय लेगा। उन्होंने कहा, अंतरराज्यीय एवं राज्य के अंदर व्यक्तियों एवं माल के आवागमन पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इसके अलावा पड़ोसी देशों के साथ की गई संधियों की शर्तों के अनुरूप सीमा पार परिवहन की इजाजत होगी। इसके लिए अलग से किसी तरह की अनुमति या परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी। तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में राज्य के कुछ इलाकों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के संकेत मिले हैं। त्यौहारों और सर्दी के आगमन के साथकृसाथ कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही के मद्देनजर इस महामारी के फिर से बढ़ने की आशंका हो सकती है। इसे रोकने के लिए कार्य योजना को और सख्ती से लागू किए जाने, निरुद्ध क्षेत्रों की लगातार निगरानी करने और पूर्व में केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का और सख्ती से पालन किए जाने की जरूरत है। पड़ोसी देशों के साथ की गयी संधियों की शर्तों के अनुरूप सीमा-पार परिवहन की अनुमति होगी। इस हेतु पृथक से किसी भी प्रकार की अनुमति,अनुमोदन,ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों हेतु शासन स्तर से एस0ओ0पी0,मार्ग निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिनमें मुख्यतः यात्री ट्रेनों से आवागमन, घरेलू हवाई यात्राएं, मेट्रो रेल, स्कूल, उच्च शैक्षणिक संस्थायें, होटल एवं रेस्टोरेंट्स, शाॅपिंग माॅल, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन पाक्र्स, योगा केन्द्र व जिम तथा सभा एवं सभागम आदि हैं। सम्बन्धित अधिकारियों, जो इसके पर्यवेक्षण हेतु उत्तरदायी हैं, के द्वारा इनका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। जारी दिशा-निर्देशों में संक्रमण के खतरे के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों की सुरक्षा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रूगणता (बव-उवतइपकपजल) अर्थात एक से अधिक अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती स्त्रियां और 10 वर्ष की आयु से नीचे के बच्चें, सिवाय ऐसी परिस्थितियों के जिनमें स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं हेतु बाहर निकलना जरूरी हो, घरों के अन्दर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि आरोग्य-सेतु ऐप शुरूआती संक्रमण के खतरे को पहचानने और संक्रमण के विरुद्ध व्यक्ति एवं समुदाय को सुरक्षा प्रदान करता है। कार्यालयों एवं कार्यस्थलों पर समस्त कर्मचारियों, कार्मिकों को संक्रमण से बचाव हेतु अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर लेना चाहिये। जिला-प्रशासन, प्राधिकारी प्रत्येक व्यक्ति को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य-सेतु एप एवं आयुष कवच कोविड एप को डाउनलोड करने के लिये प्रोत्साहित करने का प्रयास करें, जिससे कि उसका स्वास्थ्य सम्बन्धी स्टेटस ऐप पर अपडेट होता रहे। इससे खतरों के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों को समय रहते चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा सकेगी। 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों और व्यावसायिक संस्थाओं को सेवा प्रोत्साहित करेगी। यह व्यवस्था संगठनों और कर्मचारियों को कोविड-19 के जोखिममुक्त वातावरण में काम पर लौटने की सुविधा प्रदान करेगी। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जारी दिशा-निर्देशों का आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 के अनुसार कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। सोशल-डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से अनुपालन कराने हेतु धारा-144 सी0आर0पी0सी0-1973 का आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जाये। किसी व्यक्ति द्वारा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा-प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की सुसंगत धाराओं एवं दिये गये प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाये। उपरोक्त दिशा-निर्देश दिनांक 01 दिसम्बर, 2020 से अग्रिम आदेशों तक लागू रहेंगे।