वॉशिंगटन
इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (IMF) ने कोरोनावायरस से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रिकवरी कर रही है। IMF ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में सुधार के कारण सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अनुमान से ज्यादा रिकवरी की है और चालू वित्त वर्ष में GDP में 7.5 की गिरावट रह सकती है। बेहतर उपभोक्ता मांग के कारण इसमें और सुधार हो सकता है।
वॉशिंगटन में IMF के मुख्य प्रवक्ता गैरी राइस ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई थी लेकिन अब यह धीरे-धीरे रिकवरी कर रही है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए भारत सरकार ने फिस्कल, मॉनीटर और फाइनेंशियल सेक्टर के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इसके अलावा कारोबारों, कृषि और हाउसहोल्ड के लिए भी कई उपाय किए गए हैं।
गैरी ने कहा कि ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए सरकार को मौजूदा कार्यक्रमों को तेजी से लागू करना चाहिए। इसके अलावा इन कार्यक्रमों का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है। IMF की मंत्री स्तरीय कमेटी इंटरनेशनल मॉनीटरी एंड फाइनेंशियल कमेटी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में V-शेप की रिकवरी दिख रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में V-शेप की रिकवरी दिख रही है, क्योंकि इस कारोबारी साल की जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP की विकास दर जून तिमाही के मुकाबले 23% रही। यह बात वित्त मंत्रालय की ओर से नवंबर के लिए जारी मासिक इकॉनोमिक रिव्यू में कही गई। जून तिमाही में देश की GDP साल दर साल आधार पर 23.9% गिर गई थी, लेकिन सितंबर तिमाही में गिरावट का स्तर घटकर महज 7.5% रह गया। रिव्यू में कहा गया कि इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में ही V-शेप रिकवरी दिखने का मतलब यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और तेजी से सुधर सकती है।