चंडीगढ़
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस अब खुलकर सड़कों पर उतर आई है। कांग्रेस के सांसद किसानों के समर्थन में आठ दिसंबर को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। हालांकि किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसी भी राजनीतिक दल का सहयोग लेने से पहले ही इंकार कर दिया है।
लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण किसान दो महीने से ज्यादा समय से सड़कों पर हैं। किसानों की जमीनों और उनके हक को बचाने के लिए कांग्रेस सरकार भी लगातार किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। अब सूबे के सभी कांग्रेस सांसद किसानों के समर्थन में आठ दिसंबर को होने वाले किसानों के देशव्यापी आंदोलन के तहत दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
इसमें पार्टी के सभी आठ सांसद शामिल होंगे। इससे पहले भी दिल्ली कूच के दौरान बॉर्डर पर डटे किसान सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के समर्थन को लेने से इनकार कर चुके हैं। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के कंबलों को भी आंदोलनरत किसानों ने लेने से मना कर दिया था।
सुखबीर बादल की कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी के विरोध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पलटवार किया है। जाखड़ ने आरोप लगाया कि शिअद की सहमति के बाद ही देश में केंद्रीय कृषि कानून लागू किए गए थे। उन्होंने शिअद प्रधान को सलाह दी है कि वह कैप्टन के खिलाफ झूठ बोले के बजाय केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी पहले ही किसानों के साथ खड़ी थी और आगे भी खड़ी रहेगी। सुनील जाखड़ ने कहा कि अगर उचित समय सत्ता त्याग करके अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट में अध्यादेश और कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद करतीं तो शायद देश को यह दिन न देखने पड़ते।
कानून बनाते समय अकाली दल भाजपा के साथ था व किसानों के साथ धोखा देते हुए इन कानूनों को लागू करने में भी शामिल रहा है। कांग्रेस पार्टी पहले दिन से जब सरकार कृषि अध्यादेश लेकर आई थी तभी से विरोध कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन्होंने इन कानूनों के बुरे प्रभाव समझकर बिना केंद्र सरकार के किसी दबाव के आगे झुके इन कानूनों का डटकर विरोध किया था।