कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने किया खारिज

नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन जोर पकड़ता नजर आ रहा है। इसी बीच किसानों ने आज प्रेस कांफ्रेस कर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऐसे में सरकार के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के प्रस्‍ताव पर किसान संगठनों ने चर्चा की। सरकार के 9 सूत्रीय प्रस्‍ताव को हमनें खारिज कर दिया है। किसान नेताओं की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इस बार किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश हाइवे और राजस्थान के हाइवे को ठप करने की तैयारी कर रहे हैं। 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना-प्रदर्शन की तैयारी है। दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों से ‘दिल्‍ली चलो’ की हुंकार भरी जाएगी। बाकी राज्‍यों में अनिश्चितकाल तक के लिए धरने जारी रखे जाएंगे। किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्‍ली हाइवे जाम कर दिया जाएगा। किसान नेताओं ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का भी ऐलान किया है। नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का पूरे देश में घेराव होगा।
नेताओं की प्रेस काफ्रेंस की मुख्य बातें,जियो के सभी प्रोडक्ट का बहिष्कार करेंगे,पूरे देश में जारी रहेगा आंदोलन ,13 तारीख को पूरे देश में धरना प्रदर्शन करेंगे,12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री करेंगे,12 तारीख तक कभी भी दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे बंद किया जाएगा,14 दिसंबर के बाद से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रहेगा, जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते। बीजेपी के मंत्रियों का घेराव होगा। एक के बाद एक दिल्ली की सड़कें जाम की जाएंगी। पराली जलाने के खिलाफ सख्त हुए कानून में भी कुछ संशोधन किया गया।
किसानों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर कोर्ट जाने का विकल्प भी, पहले किसान सिर्फ SDM के पास जा सकते थे। APMC एक्ट में बदलाव, फ्री मंडी में भी समान टैक्स, पहले फ्री मंडी में टैक्स नहीं था। फ्री ट्रेडर्स के लिए रजिस्ट्रेशन सुविधा, पहले सिर्फ पैन कार्ड से काम चल सकता था। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बदलाव, किसान की जमीन की सुरक्षा का भरोसा। किसानों की जमीन लीज पर नहीं ली जाएगी। आंदोलन के दौरान जिन किसान नेताओं पर केस दर्ज हुआ है, वो वापिस लिए जाएंगे। बता दें कि किसानों ने पहले सरकार के सामने इन्हीं मांगों को रखा था लेकिन अब किसान कृषि कानून वापिस लेने पर अड़े हुए हैं।
करीब आधी रात को खत्म हुई बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि शाह जी ने कहा कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं उन्हें बुधवार को लिखित में देगी। हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियनों से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे।” वहीं, शाह के साथ हुई बैठक में शामिल रहे किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर केंद्र सरकार लिखित प्रस्ताव देगी…. केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को कोई बैठक नहीं होगी।किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे। सरकार की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों से जारी वार्ता का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में हुई बैठक में मौजूद रहे। मंगलवार को किसान संगठनों ‘भारत बंद’ बुलाया था। भारत बंद सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक था, जिसका मिला-जुला असर देखने को मिला। ज्यादातर राज्यों में भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और कहीं-कहीं दुकानें भी खुली देखी गईं।

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