नई दिल्ली
नौकरी करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जल्द ही सभी खाताधारकों के अकाउंट में प्रोविडेंट फंड के ब्याज का पैसा डाल देगा। पैसा एक ही किस्त में डाला जाएगा। मतलब एकमुश्त राशि आपके खाते में जमा होगी। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए EPFO ने ब्याज दर 8.50 फीसदी तय की थी। सितंबर में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में यह तय किया गया था कि ब्याज की रकम को दो किस्तों में दिया जाएगा लेकिन अब इसे एक ही किस्त में देने की खबरें हैं।
EPFO के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शेयर बाजार में आई तेजी की वजह से 3 महीने पहले लगाए अनुमान के मुकाबले EPFO के पास दोगुना सरप्लस अमाउंट जमा हो गया है। इसलिए अब ब्याज की रकम को खाताधारकों की अकाउंट में एकमुश्त ही दिया जाएगा। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को इसकी सूचना दे दी है। 19 करोड़ खाताधारकों को 8.50 फीसदी ब्याज भुगतान करने की मंजूरी मांगी गई है। हालांकि, वित्त मंत्रालय की तरफ से अभी हरी झंडी का इंतजार है। एक हफ्ते के अंदर मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता वाले EPFO के CBT ने सितंबर में Covid-19 की वजह से ब्याज को दो किस्तों में देने का ऐलान किया था। EPFO ने तय किया था कि 8.15 फीसदी ब्याज दिवाली तक खातों में डाल दिया जाएगा। बाकी बची 0.35 फीसदी रकम शेयरों की बिक्री से मिलने वाले मुनाफे से दी जाएगी। जिसे दिसंबर में दिया जाना है। हालांकि, EPFO ने अपने फैसले को बदलते हुए दिवाली पर किस्त नहीं दी थी। शेयरों में निवेश पर मुनाफे की समीक्षा के लिए दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला किया गया था।
EPFO अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर तक धैर्य बनाए रखने से सभी को लाभ हुआ है। खाताधारकों के खातों में ब्याज आने में थोड़ा ज्यादा समय जरूर लगा है लेकिन अच्छी बात यह है कि EPFO को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की बिक्री से ज्यादा इनकम हुई है। 8.50 फीसदी ब्याज दर देने के बाद भी EPFO के पास 1,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि बच जाएगी। सितंबर में जब दो किस्तों में ब्याज देने का फैसला किया गया था तो उस वक्त EPFO के पास 500 करोड़ रुपए। EPFO ने वर्ष 2016 में ETF में किए निवेश वित्त वर्ष 2020 में भुनाने का अनुमान लगाया था और उसे 2,800 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी। मार्च 2020 में यह ट्रेड होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते बाजार में भारी बिकवाली के बाद ज्यादातर शेयर निवेशकों के मुनाफे पर चोट पड़ी थी। इसी को देखते हुए EPFO ने फंड के निवेश को जारी रखते हुए इंतजार करना बेहतर समझा था।