नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही यहां जमकर हंगामा हुआ। यहां तक कि कृषि कानूनों का विरोध इतना तेज हुआ कि सीएम केजरीवाल ने इन्हें काला कानून बताते हुए इनकी प्रतियां सदन में ही फाड़ दीं। इसके बाद विधानसभा सदस्यों ने ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, गुलाम भारत में भी शहीद भगत सिंह के पिता और चाचा ने इसी तरह के एक आंदोलन में अंग्रेजी सरकार को तीन विवादित कानूनों को नौ माह के आंदोलन के बाद वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था। लेकिन अब आजाद भारत में किसानों को इस तरह के आंदोलन करने पड़ रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग की।
सीएम केजरीवाल ने सदन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लाए गए संकल्प पत्र को फाड़ते हुए कहा, आज हर किसान भगत सिंह बन चुका है। सरकार कह रही है कि वह किसानों से मिल रही है और उन्हें इन कानूनों के लाभ बताने की कोशिश कर रही है। यूपी के सीएम ने कहा कि किसानों को यह बिल लाभ पहुंचाएगा क्योंकि यह किसानों से उसकी जमीन नहीं छीनेगा। क्या यह फायदा है?
वह आगे बोले कि इतनी जल्दी क्या थी कृषि कानून को महामारी के दौरान संसद में पास करने की? ऐसा पहली बार हुआ है कि तीन कानून राज्यसभा में बिनी वोटिंग के पास हो गए। इसलिए मैं यह तीनों कानून सदन में फाड़ता हूं और केंद्र को अपील करता हूं कि वह अंग्रेजों से बुरा न बनें।