नई दिल्ली
भारतीय रिज़र्व बैंक ने संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक पर लगे प्रतिबंधों को तीन महीने और आगे बढ़ा दिया है। बैंक पर लगे प्रतिबंध अब 31 मार्च 2021 तक जारी रहेंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 23 सितंबर, 2019 को जारी निर्देश, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया है, की वैधता को 23 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 तक किया जा रहा है। हालांकि, बैंक के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि इसके रिकंस्ट्रक्शन और इसमें इक्विटी इंवेस्टमेंट यानी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अब तक 4 एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) प्राप्त हुए हैं।
गौरतलब है कि बीते महीने PMC बैंक ने निवेश या इक्विटी भागीदारी के जरिए उसके पुनर्गठन के लिए संभावित निवेशकों से रुचि पत्र (EOI) मांगा था। इन EOIs को जमा करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर थी। जिसमें 4 निवेशकों ने दिलचस्पी भी दिखाई है। हालांकि, RBI ने अभी यह नहीं बताया है कि किन कंपनियों या निवेशकों ने PMC बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए EoI जमा किया है। बैंक जमाकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए इन प्रस्तावों की व्यवहारिकता का अध्ययन करेगा और चुने गए कंपनियों और निवेशकों को बैंक को खरीदने की बोली यानी बिडिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
बैंक ने कई वित्तीय अनियमितताओं और Real Estate डेवलपर एचडीआईएल को लोन देने की बात छिपाई थी। जिसके चलते RBI ने बीते साल 23 सितंबर को PMC के बोर्ड को भंग कर दिया था और बैंक से पैसे निकालने समेत कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं। बता दें कि शुरुआत में RBI ने जमाकर्ताओं को 1000 रुपए निकालने की अनुमति दी थी जिसे बाद जून 2020 में इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया था। रिजर्व बैंक ने कहा था कि पीएमसी पर 22 दिसबंर 2020 तक सभी पाबंदियां पहले की तरह लागू रहेंगी।
PMC Bank ने अवैध तरीके से HDIL ग्रुप को 6500 करोड़ रुपए लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के टोटल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपए का का 73% था। मार्च, 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपए था। यह घोटाला उजागर होने के बाद PMC Bank के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया था। इनके अलावा बैंक के और भी कई सीनियर अधिकारियों को गिरप्तार किया गया था।