नई दिल्ली
भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कुछ दिन पहले ही मुकेश अंबानी दुनिया के पहले सबसे अमीर शख्स के खिताब से एक पायदान नीचे खिसक कर दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। अभी इस मामले को कुछ दिन ही गुजरे हैं कि अंबानी के लिए एक दूसरी बुरी खबर आ गई है। शुक्रवार को शेयर मार्केट नियामक सेबी ने शेयर की हेराफेरी के मामले में रिलायंस और मुकेश अंबानी पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। उनके अलावा दो अन्य इकाइयों पर भी सेबी ने जुर्माना लगाया है।
सेबी ने मुकेश अंबानी पर 15 करोड़ रुपए, जबकि मुकेश अंबनी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है यानी मुकेश अंबानी को 40 करोड़ रुपए का फटका लगा है। उनके अलावा नवी मुंबई सेज प्राइवेट लिमिटेड पर 20 करोड़ रुपए और मुंबई सेट लिमिटेड पर भी 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सेबी ने आरोप लगाया है कि आरआईएल ने आईपीएल के शेयरों की ट्रेडिंग में गड़बड़ी की थी। ये मामला नवंबर 2007 का है, जो रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड यानी आरपीएल के शेयरों की फ्यूचर एंड ऑप्शन सेक्शन में ट्रेडिंग से जुड़ा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी आरआईएल ने मार्च 2007 में आरपीएल में 4.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में 2009 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस सब्सिडियरी कंपनी का रिलायंस इंडस्ट्रीज में ही विलय हो गया।
सेबी का आरोप है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आरपीएल में अपनी करीब 4.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचने में गड़बड़ी की है। पहले रिलायंस की तरफ से डील कर रही कुछ पार्टियों ने आरपीएल फ्यूचर्स को खरीद लिया। इसके चलते जब रिलायंस की तरफ से आरपीएल में अपनी हिस्सेदारी बेची गई तो कंपनी को फायदा हुआ, क्योंकि आरपीएल फ्यूचर्स खरीदे जाने की वजह से फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में आरपीएल की सेटलमेंट की कीमत कम हो गई।
सेबी अधिकारी बी जे दिलीप ने अपने 95 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि सिक्योरिटीज की मात्रा या कीमत में कोई भी गड़बड़ी हमेशा बाजार में निवेशकों के विश्वास को चोट पहुंचाती है और वो बाजार में हुई हेराफरी में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में आम निवेशक इस बात से अनजान थे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन सेक्शन में सौदे के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज है। सुनवाई अधिकारी ने कहा कि कारोबार में गड़बडी से सही कीमत बाहर नहीं आती। उन्होंने कहा कि मेरा विचार है कि गड़बड़ी किये जाने वाले ऐसे कामों को सख्ती से निपटा जाना चाहिए ताकि पूंजी बाजार में इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जा सके। इस बारे में फिलहाल आरआईएल से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उम्मीद है कि जल्द ही रिलायंस इस पर अपना पक्ष रखेगा।