ट्रंप को उपराष्ट्रपति का मिला साथ, 25वां संविधान संशोधन नहीं होगा लागू

वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को बड़ी राहत मिली है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ संविधान का 25वां संशोधन इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे लेटर में कहा है, कि वो राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को उनके पद से बर्खास्त करने वाले संविधान के 25वें संशोधन का विरोध करेंगे।
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे खत में कहा है, कि संविधान का 25वां संशोधन उन परिस्थितियों में लागू होता है, जब राष्ट्रपति पद पर बैठा व्यक्ति ‘मानसिक तौर पर बीमार हो जाए’, ‘उसपर भ्रष्टाचार के आरोप लगें’ लेकिन वर्तमान राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर ऐसे आरोप नहीं हैं। लिहाजा, उनपर संविधान का 25वां संशोधन लागू नहीं हो सकता है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव स्पीकर नैंसी पेलोसी ने उप-राष्ट्रपति पर दवाब बनाते हुए कहा था, कि डोनल्ड ट्रंप को ‘सेवा करने के अयोग्य’ ठहराकर उनके उपर संविधान का 25वां संविधान संशोधन लागू किया जाए। जिसे लागू करने से उप-राष्ट्रपति ने इनकार कर दिया है।
उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने अपने लेटर में कहा है, ”6 जनवरी को कैपिटल हिल हिंसा के बाद देश के सभी नाकरिक सदमे में हैं। और अमेरिकी संसद के लिए ये वक्त अमेरिकी जनता को एकसाथ लेकर चलने का है। लेकिन, उस वक्त जब नये राष्ट्रपति को अपना कार्यभार संभालने में महज एक हफ्ता बचा है, तो मुझसे मांग की जा रही है, कि मैं राष्ट्रपति के खिलाफ संविधान का 25वां संशोधन इस्तेमाल करूं। मेरा मानना है, कि ऐसा करना देशहित और अमेरिकी लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। साथ ही अमेरिकी जनता और खुद अमेरिका के लिए ये वक्त पॉलिटिकल गेम के लिए सही नहीं है”।

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