नई दिल्ली
सेना दिवस के मौके पर शुक्रवार को सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा, पड़ोसी देश, चीन और पाकिस्तान की हरकतें बॉर्डर पर सही नहीं हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल देश ने चीन के साथ बॉर्डर पर मुश्किल समय देखा लेकिन हमारे जवानों ने कड़ा जवाब भी चीन को दिया। इस दौरान सेनाध्यक्ष ने चीन को चेताते हुए कहा, हम बातचीत के जरिए मसले को हल चाहते हैं, कोई भी हमारे सब्र का इम्तिहान लेने की कोशिश ना करे।
दिल्ली केंट के परेड ग्राउंड से 73 वें सेना दिवस पर बोलते हुए सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा, सीमा पर चीन के साथ तनाव के बारे में आप जानते हैं। सेना प्रमुख ने कहा, एलएसी पर तनाव को लेकर हमारी कोर कमांडर स्तर के आठवें दौर की बातचीत हो चुकी है, अब 9वें दौर की वार्ता का इंतजार है। हम बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, तमाम मुश्किल चुनौतियों के बाद भी जवानों के हालात का सामना किया है। हम यकीन दिलाते हैं कि देश की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। गलवान घाटी में जो सैनिक मारे गए, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
पाकिस्तान को लेकर सेना प्रमुख ने कहा, पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम आतकंवाद के लिए जीरो-टॉलरेंस रखते हैं। भारतीय सेना सीमा पर मुस्तैद है और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रखे हुए है। सीमा पार 300-400 आतंकी घुसपैठ के इरादे से बैठे हैं लेकिन हम उनके इरादे सफल नहीं होंने देंगे। आतंकवाद हमारे लिए खतरा है, पिछले साल सेना ने एलओसी पर 200 आतंकवादियों का सफाया किया था। आगे भी सही समय आने पर हम इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। सेना प्रमुख ने कहा, भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी सक्षम सेना विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी नई तकनीक को शामिल करने पर फोकस किया जाएगा।