Breaking News

बजट पर राहुल का तंज: सरकार अपने कुछ उद्योगपति दोस्तों के हाथों में भारत की संपत्ति सौंपना चाहती है

नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आम बजट पेश कर चुकी हैं। बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा, इसे मुश्किल हालातों में तैयार किया गया है। बजट को जहां सरकार और नीति आयोग ने शानदार बताया है। वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार और वित्त मंत्री पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, कुछ राज्यों में चुनाव हैं इसलिए उन्होंने ‘वोट के लिए सड़क’ बनाई। उन्होंने सरकार पर देश को बिक्री के लिए रखने का आरोप लगाया है। जबकि रक्षा मंत्री ने कहा, इस बजट की जितनी तारीफ की जाए, कम है। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि सरकार देश की संपत्ति को पूंजीपतियों के हाथ में सौंपने की योजना बना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ये बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है। ये देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा, साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं।
बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, मोदी सरकार अपने कुछ उद्योगपति दोस्तों के हाथों में भारत की संपत्ति सौंपना चाहती है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘गरीबों के हाथों में नगदी भूल ही जाइए, मोदी सरकार ने देश की संपत्ति भी पूंजीपतियों के हाथ में सौंपन की योजना बनाई है।’ बता दें कि बजट में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश 2021-22 का केंद्रीय बजट एक उत्प्रेरक के रूप में आया है जो इस सुस्त अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकता है। उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि बजट अर्थव्यवस्था के लिए ‘स्पीड बूस्टर’ के रूप में काम करेगा जो कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘केंद्रीय वित्त मंत्री ने आर्थिक पुनरुद्धार के साथ-साथ महामारी के नियंत्रण के लिए आवश्यक रणनीतियों की घोषणा की है’।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि चूंकि बजट अभूतपूर्व समय में प्रस्तुत किया जा रहा है, इसलिए हम इसमें अभूतपूर्व लक्ष्य की झलक देखेंगे। लेकिन यह अभूतपूर्व समय में एक आम बजट है जिसके माध्यम से सरकार निजीकरण का मार्ग अपनाकर खुद को बचाना चाहती है। कुछ राज्यों में चुनाव हैं इसलिए उन्होंने ‘वोट के लिए सड़क’ बनाई। उन्होंने पैसा खर्च करने की बात कही लेकिन हमें कोई अनुदान नहीं मिला। हमें उम्मीद थी कि वे गरीबों की मदद करने के लिए नकदी हस्तांतरित करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। विनिवेश, निजीकरण-सरकार का मानना है कि देश को बिक्री के लिए रख देना चाहिए’।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘लोगों को इस तरह के बजट की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि एक तरह से, सरकार ने पहले 5 मिनी-बजट पेश किए थे। कई पैकेजों की घोषणा की गई, जिसका अत्मनिर्भर भारत भी एक हिस्सा है। यह एक शानदार बजट है। इसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है’।
कांग्रेस ने बजट 2020-21 पेश किए जाने के बाद सोमवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 37 महीनों की रिकॉर्ड गिरावट का उल्लेख नहीं है और इसमें अर्थव्यवस्था को गति देने पर ध्यान नहीं दिया गया। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘वित्त मंत्री के भाषण में इसका कोई जिक्र ही नहीं हुआ कि जीडीपी में 37 महीनों की रिकॉर्ड गिरावट है। 1991 के बाद से यह सबसे बड़ा संकट है’।

Leave a Reply