कोलंबो
देश श्रीलंका 4 फरवरी यानि की आज के दिन अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे को श्रीलंका के 73वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। कोलंबो में भारत के उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक पीएम मोदी ने साझा भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर दोनों देशों के गहरे और पुराने संबंधों को दोहराया। आपको बतां दे कि भारत 1947 में आजाद हुआ जिसके छह महीने के बाद 4 फरवरी 1948 को श्रीलंका आजाद हुआ। यह दिन पूरे देश में ध्वजारोहण समारोह, नृत्य, परेड और प्रदर्शन के माध्यम से मनाया जाता है।
पीएम मोदी ने पिछले कई सालों में दोनों देशों के बीच सहयोग का जिक्र किया। जिसमें कोरोना-19 महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई भी शामिल है। उन्होंने आगे कामना की कि आने वाले सालों में दोनों राष्ट्रों के बीच मजबूत संबंधों को और मजबूत किया जाएगा और हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि में योगदान करेंगे। उच्चायोग ने बताया कि बधाई पत्र भारत और श्रीलंका के बीच नेतृत्व स्तर पर नियमित बातचीत का हिस्सा है जिसके चलते विकास, व्यापार और आर्थिक संबंधों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
भारत ने द्विपीय देश में अल्पसंख्यक तमिलों के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए श्रीलंकाई संविधान के 13वें संशोधन (13ए) को लागू करने पर एक बार फिर जोर दिया है जिसके तहत सूबों को शक्तियों का अंतरण करने एवं प्रांतीय परिषद प्रणाली का प्रावधान है। पूर्वी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री सिवनसतुराई चंक्रकांतन और पूर्व सांसद विनयगुरुमूर्ति मुरलीधरन की भारत के उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब के साथ मंगलवार को हुई बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग एवं 13वें संविधान संशोधन के लागू करने पर चर्चा की। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को ट्वीट किया, च्च्उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने माननीय सांसद एस चंद्रकांतन (पिल्लैयन) और वी मुरलीधरण (करुणा अम्मन) के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से अलग से बात की। इस दौरान पूर्वी सूबे से सहयोग बढ़ाने एवं 13वें संशोधन को पूरी तरह से लागू करने और प्रांतीय परिषद पर चर्चा हुई।