लोकसभा में बोले राहुल गांधी-‘हम दो हमारे दो’ की तर्ज पर चल रही केंद्र की सरकार

नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में बोलते हुए किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। केंद्र सरकार के नए कानूनों को लेकर राहुल ने कहा कि ये पूरी तरह से दो पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। राहुल ने कहा कि ये सरकार हम दो हमारी दो की तर्ज पर चल रही है। दो लोग सरकार में हैं और दो उनके उद्योगपति मित्र हैं।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, किसी जमाने में परिवार का नियोजन का विज्ञापन आता था, जिसमें हम दो हमारे दो लिखा होता था। अब उसी तर्ज पर देश चल रहा है, हम दो और हमारे दो। राहुल ने कहा कि कृषि कानूनों के जरिए सरकार दो लोगों की जेब में देश के किसान का पैसा डालना चाहते हैं। राहुल ने कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है। किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है। एक आवाज़ से पूरा देश ‘हम दो हमारे दो’ की सरकार के खिलाफ उठने जा रहा है। किसान एक इंच पीछे नहीं हटने वाला, किसान आपको हटा देगा। आपको कानून वापस लेना ही होगा।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा, कल सदन में कहा गया कि तीनों कृषि कानूनों के कंटेंट (विषय वस्तु) और इंटेंट (मंशा) पर बात नहीं हुई। इस पर बात कर लेते हैं। पहले कृषि कानून के कंटेट में मंडियों को खत्म करना है। दूसरे कृषि कानून के कंटेंट में है कि कोई भी उद्योगपति जितना चाहें अनाज, फल और सब्जी उतना स्टोर कर सकते हैं, यानी इसका मकसद जमाखोरी को बढ़ावा देना है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की जो नीतियां हैं, उनसे देश के किसान के साथ-साथ गरीब और मिडिल क्लास भी बर्बाद हो जाएगा।
अपने भाषण के बाद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। जिस पर भाजपा सदस्यों ने विरोध जताया। इस पर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अगर आप करना चाहते हैं तो मुझे पहले से बताएं क्योंकि सदन लाने की जिम्मेदारी मेरी है। ये फैसला मुझे करना है। राहुल गांधी के भाषण के दौरान भाजपा के सांसदों की ओर से काफी विरोध जताया गया। भाजपा सांसदों ने कहा कि आज बजट पर चर्चा है, इसलिए किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर राहुल गांधी बात ना करें। इस पर राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की बात करनी चाहिए थी लेकिन किसानों की बात ना कर सरकार बजट पर चर्चा कर रही है। मैं विरोध के तौर पर सिर्फ किसानों पर बोलूंगा।

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