डा. राकेश ऋषभ कृत ‘जागा हुआ सा कुछ’ काव्य संकलन का विमोचन परिचर्चा, कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह में व्यापक विमर्श

बस्ती। शव्द सुमन द्वारा प्रेस क्लब सभागार में आयोजित साहित्यिक विमर्श में प्रसिद्ध साहित्यकार डा. राकेश ऋषभ कृत ‘जागा हुआ सा कुछ’ काव्य संकलन के विमोचन के साथ परिचर्चा, कवि सम्मेलन एवं विभूतियों को उनके योगदान के लिये सम्मानित किया गया।  समीक्षक दिनेश सांकृत्यायन ने कहा कि कवितायें जीवन के द्वंद और लक्ष्य को चंद शब्दों में समेट कर उसे विस्तृत आकाश देती है। डा. राकेश ऋषभ कृत ‘जागा हुआ सा कुछ’ में जीवन की आपाधापी के बीच अनेक रचनायें ऐसी हैं जो हमें आध्यात्म के क्षेत्र से साक्षात्कार कराती हैं।
परिचर्चा की कड़ी में डा. सत्यव्रत ने कहा कि डा. राकेश ऋषभ का रचना संसार अनेक आयामों को समेटे हुये हैं जिसमें विविधता के बीच एक संतुलित समन्वय है। संचालन करते हुये वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि गद्य और पद्य में समान अधिकार रखने वाले डा. राकेश ऋषभ के नाटक, कहानियां भी पाठकों को झकझोरती हैं। वे समय की शिला पर नये सन्दर्भो का सहजता से उद्घोष करते हैं। डा. त्रिभुवननाथ मिश्र, डा. वी.के. मिश्र ने ‘जागा हुआ सा कुछ’ के विविध विन्दुओं पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि जिला समाज कल्याण अधिकारी श्री प्रकाश पाण्डेय ने रचनाओें के माध्यम से कहा कि कवितायें अपने समय के सत्य से टकराते हुये मनुष्य की आकांक्षाओं के नये द्वार खोलती है। ‘जागा हुआ सा कुछ’ के साथ ही अनेक नाटक, कहानियों और काव्य संग्रहों के रचयिता डा. राकेश ऋषभ ने कहा कि जो भोगा, सोचा, समझा उसे लिखकर पाठकों के समक्ष कर दिया। मेरे लेखन का उद्देश्य मानव कल्याण से जुडा है। अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि रचनायें युगों से मानव समाज को नई शक्ति देती रही हैं।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डा. रामकृष्ण लाल जगमग के संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन में विनोद उपाध्याय, अर्चना श्रीवास्तव, प्रदीप मिश्र अजनवी, डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ ब्रम्हदेव शास्त्री पंकज, डा. वी.के. वर्मा, सुशील सिंह पथिक, डा. पंकज कुमार सोनी, दीपक सिंह प्रेमी, अफजल हुसेन अफजल, शाद अहमद ‘शाद’ हरिकेश प्रजापति, संध्या दीक्षित, अनुरोध कुमार श्रीवास्तव, महेन्द्र दूबे, बाबूराम वर्मा, डा. पारस वैद्य, रवि गुप्ता, जगदम्बा प्रसाद भावुक,  अजमत अली सिद्दीकी, चन्द्रमोहन लाल आदि कवियों के समसामयिक रचनाओं को श्रोताओं ने सराहा। इस अवसर पर शव्द सुमन की ओर से श्री प्रकाश पाण्डेय, डा. राकेश ऋषभ, डा. अनुराग मिश्र ‘गैर’ डा. शंकर जी सिंह, दिनेश सांकृत्यायन, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, रमन मिश्र, महेन्द्र कुमार सिंह, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती नीलम सिंह, हरीराम वंसल, विजय मिश्र, बी.के. मिश्र, पंकज कुमार सोनी, विनोद कुमार उपाध्याय, अनुराग श्रीवास्तव, सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ वशिष्ठ कुमार पाण्डेय, सर्वेश कुमार श्रीवास्तव, डा. आर.पी. सिंह, अपराजिता श्रीवास्तव, डा. नवीन, डा. सत्यव्रत, आदि को उनके विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिये अंग वस्त्र, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रेमचन्द साहित्य संस्थान द्वारा डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ को साहित्य तपस्वी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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