ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि अधिकारी अलग-अलग तरह की टोपी, बेल्ट आदि पहनते हैं जिससे उनकी रेजिमेंट का पता चलता है लेकिन अब वन आर्मी वन यूनिफॉर्म के कारण सभी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारी लगेंगे ना कि किसी खास रेजिमेंट के।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी से सवाल किया गया कि भारतीय सेना वन आर्मी, वन यूनिफॉर्म की राह पर क्यों आगे बढ़ रही है। हमने जानना चाहा कि सेना की वर्दी में क्या बड़े बदलाव दिखने वाले हैं?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वन आर्मी, वन यूनिफॉर्म होना अच्छी बात है। इस बार सेना ने निफ्ट का सहयोग लेकर वर्दी को डिजाइन करवाया है और यह तमाम तरह के मौसमों में जवानों को सहुलियत प्रदान करेगी। साथ ही अब पहले की तरह सेना की वर्दी सामान्य दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होगी क्योंकि असामाजिक तत्वों ने कई बार इस बात का फायदा उठाया है। उन्होंने कहा कि बदलाव का एक कारण यह भी रहा कि हमारे कई अर्धसैनिक बलों की वर्दियां भी सेना की विभिन्न बटालियनों से मेल खा रही थीं।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इसके अलावा, विभिन्न रेजिमेंटों के अधिकारी अलग-अलग तरह की टोपी, बेल्ट आदि पहनते हैं जिससे उनकी रेजिमेंट का पता चलता है लेकिन अब वन आर्मी वन यूनिफॉर्म के कारण सभी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारी लगेंगे ना कि किसी खास रेजिमेंट के। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अब ब्रिगेडियर और इससे ऊपर रैंक के लिए यूनिफॉर्म के बैज, बेल्ट, बकल और कैप एक जैसी हो जायेगी।