उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से साहिल की गिरफ्तारी के बाद सरकार द्वारा शेयर की गई तस्वीर को लोग सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं। शाहबाद डेयरी इलाके में एक एसी मैकेनिक के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी को उसकी 16 वर्षीय लड़की साक्षी की निर्मम हत्या को बर्बर तरीके से अंजाम दिया। साहिल की गिरफ्तारी वाली तस्वीर वायरल होने के बाद तुरंत इस तथ्य को इंगित किया कि साहिल को अधिकारियों द्वारा हथकड़ी नहीं लगाई गई है और सबसे बड़ी बात यह है कि उसे पकड़ने वाला अधिकारी सशस्त्र नहीं है। भारतीय फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने साहिल और 26/11 के दोषी कसाब के बीच समानता को भी चिन्हित किया है।
पंडित ने कहा कि साहिल ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान जनता पर क्रूरता से गोलियां चलाते हुए कसाब के समान कलावा पहना हुआ है। उन्होंने लिखा, “इस तरह के अपराधी को बिना हथकड़ी के कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है और पुलिस अधिकारी के पास कोई आर्म्स भी नहीं है। अन्य पुलिस अधिकारी कहां हैं? क्या उसे हथकड़ी लगाकर पुलिस वाहन में नहीं रखा जाना चाहिए? सरासर बेरहमी। कलावा की उपस्थिति उसके और कसाब के बीच एक सामान्य कारक है
बता दें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का रूप देने की साजिश रची थी। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसआई का साथ दिया था। इसके लिए आईएसआई ने अजमल कसाब समेत सभी 10 हमलावरों को नकली आईकार्ड के साथ उन्हें हिंदू बनाकर मुंबई भेजा था। पुलिस को कसाब के पास से बेंगलुरु के रहने वाले किसी समीर चौधरी का फर्जी आईकार्ड भी मिला था। हिंदू दिखने के लिए कसाब ने अपने दाएं हाथ की कलाई में कलावा भी बांध रखा था।