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नेपाल से पानी के बोतलो से कोकीन की तस्करी क्या है लिक्विड कोकीन जिससे भारत में बढ़ रहे ड्रग तस्करी के मामले

रतन गुप्ता सोनौली

 लिक्विड कोकीन देश में ड्रग तस्करी करने की नई तकनीक बन गई है। हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर केन्या की एक महिला को भी इस कोकीन के साथ पकड़ा गया था। ये लिक्विड कोकीन क्या है और इसका पता लगाना मुश्किल क्यों है आइए जानें।
*क्या है लिक्विड कोकीन जिससे भारत में बढ़ रहे ड्रग तस्करी के मामले, क्यों इसका पता लगाना है मुश्किल?* लिक्विड कोकीन क्या है। देश में ड्रग तस्करी पर सख्त पहरेदारी के बाद अब तस्कर नई तकनीकें खोज रहे हैं। इसी का एक नमूना लिक्विड कोकीन है, जिसकी तस्करी भारत में तेजी से बढ़ती दिख रही है। हाल ही में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर केन्या की एक महिला को भी इस कोकीन की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया था।
दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गई महिला बड़ी चालाकी से ड्रग तस्करी को अंजाम देने का काम कर रही थी। महिला के पास से अधिकारियों को दो बोतल व्हिस्की की बरामद हुई, जिसमें वे घुली हुई कोकीन लेकर आई थी। कोकीन की कीमत 13 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस घटना के बाद यह मामला चर्चा का विषय बना।
महिला द्वारा लाई गई ये लिक्विड कोकीन आखिर क्या है और इसका पता लगा पाना मुश्किल क्यों है, आज हम बताएंगे…
क्या है लिक्विड कोकीनयूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन (EMCDDA) की रिपोर्ट की माने तो पाउडर कोकीन को पानी, ग्लूकोज, सॉल्वैंट्स, सेल्यूलोज या लैक्टोज जैसे खाद्य पदार्थों में घोलकर लिक्विड कोकीन बनाई जाती है।यहां तक कि पानी में डाली गई कोकीन को बाद में वापस पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। तस्तर इसे शैंपू की बोतलों जैसे उत्पादों, गुड़ के साथ भी मिला लेते हैं। इसे इसके बाद कंटेनरों में या कोरियर के तहत ले जाया जाता है।लिक्विड कोकीन को पकड़ने में क्यों आती है मुश्किलबता दें कि आमतौर पर बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर पाए जाने वाले स्कैनर का उपयोग करके तरल कोकीन का पता लगाना बेहद मुश्किल है।वहीं, हवाईअड्डों में लाग फुल बॉडी स्कैनर भी इसे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाता है।तस्करों के लिए लिक्विड कोकीन का एक महत्वपूर्ण लाभ इसकी विभिन्न सामग्रियों में शामिल होने की क्षमता है। तस्कर इसे किसी भी तरल पादार्थ में मिलाकर ले जाते हैं, जिसे पकड़ना काफी कठिन होता है।खाद्य पदार्थों में मिलने की क्षमता के कारण इस कोकीन में से गंध भी नहीं आती है, यही एक बड़ा कारण है कि अधिकारी चकमा खा जाते हैं।

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