यूपी से दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार बाबरी मस्जिद फैसले से नाराज था सद्दाम


रिपोर्टर रतन गुप्ता

यूपी एटीएस ने दो संदिग्ध गिरफ्तार किए हैं। दोनों आतंकी संगठनों अलकायदा, अंसार गजवातुल और हिजबुल आदि से प्रभावित हैं। एटीएस का दावा है कि प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपने अपराध कुबूल किए हैं। स्वीकार किया कि वह अल कायदा, अंसारगजवातुल हिंद और हिजबुल के आतंकी बुराहन वानी से बहुत प्रभावित है।

देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो संदिग्धों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। एटीएस का दावा है कि दोनों को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय बुलाया गया। पूछताछ में दोनों ने कुबूल किया कि आतंकी संगठनों अलकायदा, अंसार गजवातुल और हिजबुल आदि से प्रभावित हैं।

शरिया कानून लागू कर भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने का मंसूबा पाले हैं तथा सोशल मीडिया के जरिये अपनी मुहिम को चला रहे हैं। एटीएस दोनों से पूछताछ कर रही है। उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ते को सूचना मिली कि गोंडा के पठानपुरवा का रहने वाला सद्दाम शेख (38) बंगलुरू में किसी एनटीसी नाम की कंपनी में चालक है।

वह आतंकी संगठनों से जुड़ा है और देश विरोधी मंसूबे बनाकर कोई बड़ी घटना करने के फिराक में है। मॉनीटरिंग से यह भी सामने आया कि सद्दाम सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है और वह आतंकी संगठनों के समर्थन में उग्र पोस्ट करता रहता है। इस पर उसे नोटिस देकर एटीएस मुख्यालय बुलाया गया।
एटीएस का दावा है कि प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपने अपराध कुबूल किए हैं। स्वीकार किया कि वह अल कायदा, अंसारगजवातुल हिंद और हिजबुल के आतंकी बुराहन वानी से बहुत प्रभावित है। लादेन, जाकिर मूसा, रियाज नायकू, नावेद नट, समीर टाइगर जैसे आतंकी उसके आदर्श हैं। उसके फोन में इनसे संबंधित फोटो और वीडियो भी बरामद हुए।
इसी तरह से कश्मीर निवासी रिजवान खान (23) के बारे में भी सूचना मिली कि वह यूपी में रहकर आतंकी संगठनों से जुड़कर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। वह सोशल मीडिया पर आतंकी प्रोपेगेंडा फैला रहा है तथा आतंकियों की फोटो लगाकर अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ने का काम कर रहा है।

कुछ समय पहले तक वह उन्नाव की मीट फैक्टरी इंडार्गो फूड प्राइवेट लिमिटेड में सुरक्षा गार्ड का काम कर रहा था। इस समय वह बिहार में मरहबा फ्रोजेन फूड प्राइवेट लि. में सुरक्षा गार्ड का काम कर रहा है। रिजवान को भी बुलाकर पूछताछ की।
बाबरी मस्जिद फैसले से नाराज था सद्दाम
एटीएस की मानें तो सद्दाम ने यह स्वीकार किया कि वह बाबरी मस्जिद के फैसले से नाराज था और इसका बदला लेना चाहता था। इसलिए ऐसे कंटेंट भी सोशल मीडिया पोस्ट करता था कि कोई उससे संपर्क कर हथियारों का प्रशिक्षण दे सके। जिन मुसलमानों पर अत्याचार हुआ है वह उन्हें साथ लेकर अपनी एक सेना बनाना चाहता था। सद्दाम की डीपी में आईएसआईएस, अलबद्र, लश्कर ए तैयबा आदि संगठनों के फोटो मिले। वह आईएमओ एप के माध्यम से पाकिस्तानी, कश्मीरी आतंकियों के संपर्क में था।

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