बस्ती । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित संस्था कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कानपुर के दिशा निर्देश में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित, कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती द्वारा चयनित ग्राम चंदो सदर बस्ती में वन महोत्सव 2023 का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान कुंदन सिंह ने अपने संबोधन में सभी कृषकों को जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्याओं पर चर्चा करते हुए सभी से अनुरोध किया गांव में अधिक से अधिक पौधों का रोपण करें जिससे पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके और सभी का जीवन सुखमय हो सके। केंद्र अध्यक्ष प्रोफ़ेसर एस एन सिंह ने संबोधित करते हुए अवगत कराया कि वन महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1950 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री एम मुंशी द्वारा की गई थी। उनके द्वारा इसकी शुरुआत इसलिए की गई ताकि लोगों में वन संरक्षण और पेड़ लगाने को लेकर उत्साह पैदा हो । उन्होंने बताया कि वन महोत्सव का उद्देश हमारे वनों को उगाने और बचाने के महत्व को फैलाना और वनों की कटाई के प्रतिफल प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। मानव औद्योगीकरण और शहरीकरण आदि के कारण पेड़ों की निरंतर कटाई कर रहा है। पेड़ों की अत्यधिक कटाई के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है । वन उन्मूलन एक बहुत बड़ी समस्या है जिससे मनुष्यो पक्षियों एवं जीव जंतुओं को जीवन के संकट में पड़ गया है और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण पृथ्वी का तापमान एवं प्रदूषण बढ़ रहा है उन्होंने कहा कि पृथ्वी एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष कम से कम एक पेड़ अवश्य रोपित करना चाहिए। क्योंकि एक पौध 10 पुत्रों के समान होता है इसलिए हम सभी को संकल्प लेना होगा कि अपने जन्मदिन शादी की सालगिरह एवं अन्य शुभ अवसरों पर पौधारोपण अवश्य करें। जिससे पृथ्वी एवं जीवन सुरक्षित रह सके । इस कार्यक्रम में सभी कृषकों को सेमल, मोहगनी एवं अमरुद के पौधे वितरित किए गए तथा गांव एवं कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में पौधारोपण किया गया।
कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक रणजीत सिंह ,अनूप कुमार सिंह, सूर्य प्रतापसिंह ,बृजलाल ,रामचंद्र शर्मा ,लालमति ,सुनीता आदि कृषकों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र केंद्र के वैज्ञानिक डॉ डीके श्रीवास्तव डॉ वी बी सिंह डॉ प्रेम शंकर हरिओम मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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