रिपोर्टर रतन गुप्ता
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में कक्षा छह से कक्षा 12 तक के छात्रों की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत है। इस सब के बीच अब प्रदेश के स्कूलों में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) कोडिंग व डाटा साइंस का पाठ पढ़ाया जाएगा। बता दें कि विशेषज्ञों की मदद से इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), कोडिंग व डाटा साइंस का पाठ पढ़ाया जाएगा। कक्षा छह से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। अब जल्द शिक्षकों को विशेषज्ञों की मदद से इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर सितंबर से इसे स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि परिषदीय स्कूलों और सरकारी व सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकी का ज्ञान दिया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से कक्षा आठ और माध्यमिक में कक्षा छह से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को इसे पढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। दीक्षा पोर्टल पर संपूर्ण इन विषयों का संपूर्ण पाठ्यक्रम अपलोड किया जाएगा। ताकि शिक्षकों को आसानी से पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो सके।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। एससीईआरटी के कार्यवाहक निदेशक पवन सचान की ओर से शिक्षकों को जल्द जिलों में इसका प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वह बेहतर ढंग से विद्यार्थियों को यह विषय पढ़ा सकें। मालूम हो कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
वहीं कोडिंग यानी कंप्यूटर की अपनी भाषा जिसे मशीन कोड कहते हैं। यह कंप्यूटर को बताता है कि क्या करना है और कैसे करना है। यानी कंप्यूटर जो भाषा समझता है, उसे कोडिंग कहते हैं। इनके अलावा डाटा साइंस इत्यादि भी कोर्स में शामिल किया जा रहा है। विद्यार्थियों को वर्तमान समय की जरूरत के अनुसार नए कोर्स पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।