नेपाल में भारत-अमेरिका की धमक से टेंशन में चीन, जिनपिंग के दूत ने खोला खजाना, BRI विवाद से बनाई दूरी

रिपोर्टर रत्न गुप्ता सोनौली / नेपाल
नेपाल और चीन में चल रहे बीआरआई विवाद के बीच चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश पर कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के पोलित ब्‍यूरो के सदस्‍य यूआन जिआजून काठमांडू पहुंचे हैं। उन्‍होंने नेपाल को 14 करोड़ 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। इससे पहले अमेरिका और भारत ने भी अपने प्रॉजेक्‍ट बढ़ाए हैं।

भारत और अमेरिका के नेपाल में बढ़ते प्रभाव से चीन टेंशन में आ गया है—-
शी जिनपिंग लगातार अपने नेताओं को काठमांडू के दौरे पर भेज रहे हैं—–
चीनी राष्‍ट्रपति के करीबी पोलित ब्‍यूरो के सदस्‍य यूआन जिआजून नेपाल पहुंचे——

भारत और अमेरिका के नेपाल में बढ़ते प्रभाव से चीन टेंशन में आ गया है और लगातार अपने नेताओं को काठमांडू के दौरे पर भेज रहा है। नेपाल में अमेरिका का एमसीसी प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है और भारत ने भी अपनी विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। भारत और नेपाल के बीच हाल ही में रेल सेवा भी शुरू हुई है। इन सबके बीच अब चीन ने अब नेपाल में पानी की तरह से पैसा बहाना शुरू कर दिया है। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद करीबी और कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के पोलित ब्‍यूरो के सदस्‍य यूआन जिआजून नेपाल के दौरे पर पहुंचे और उन्‍होंने 14 करोड़ 50 लाख नेपाली रुपये की मदद का ऐलान किया।
चीन ने यह पैसा नेपाल के सभी 7 प्रांतों में कृषि व्‍यवस्‍था में सुधार के लिए दिया है। चीनी नेता यूआन ने नेपाली संसद के स्‍पीकर देवराज घिमिरे से मुलाकात के दौरान यह ऐलान किया। इससे पहले रविवार को यूआन 3 दिन की यात्रा पर नेपाल पहुंचे थे। उनके साथ 26 सदस्‍यीय भारी भरकम दल भी नेपाल पहुंचा है। चीनी नेता ने स्‍पीकर के अलावा डेप्‍युटी पीएम तथा गृहमंत्री नारायणकाजी श्रेष्‍ठ और सीपीएन-यूएमएल के नेता केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। ओली और चीन के बीच बहुत करीबी संबंध रहे हैं और चुनाव में चीन ने कोशिश की थी कि प्रचंड और ओली एक साथ आ जाएं लेकिन उसकी यह मुराद पूरी नहीं हो सकी थी।

चीन ने नेपाल में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के नाम पर अरबों डॉलर के आधारभूत ढांचा प्रॉजेक्‍ट शुरू किए हैं। इससे नेपाल के अब चीन के कर्जजाल में फंसने का खतरा पैदा हो गया है। इससे पहले चीन ने यही खेल भारत के दो अन्‍य पड़ोसी देशों श्रीलंका और पाकिस्‍तान के साथ भी किया था। इसे विशेषज्ञ चीन की कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति करार देते हैं। चीन के कर्ज के जाल में फंसा डिफॉल्‍ट हो चुका है, वहीं पाकिस्‍तानी अर्थव्‍यवस्‍था भी अपनी अंतिम सांसें गिन रही है। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक यूआन को चीन के भविष्‍य के नेता के तौर पर देखा जा रहा है।

इस यात्रा के दौरान यूआन ने नेपाल के अंदर शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट बेल्‍ट एंड रोड या बीआरआई को लेकर कोई बात नहीं की। यूआन ने कहा कि वह चीनी राष्‍ट्रपति के निर्देश पर श्रीलंक और अब नेपाल की यात्रा पर आए हैं। दोनों नेताओं के बीच बयान में बीआरआई का जिक्र नहीं होने वाला हैरान करने वाला है। हाल के दिनों में चीन जबरन बीआरआई प्रॉजेक्‍ट को नेपाल पर थोप रहा है। वहीं नेपाल की सरकार ने ऐलान किया है कि देश में अभी एक भी बीआरआई प्रॉजेक्‍ट शुरू नहीं हुआ है। इस साल के आखिर में नेपाल के प्रधानमंत्री चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं।

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