होम और गोल्ड में हो रहे फर्जीवाड़ों पर सख्त हुआ आरबीआई, जारी किए नए दिशा-निर्देश


रिपोर्टर रतन गुप्ता महराजगंज

होम और गोल्ड लोन पर हो रही अनियमिताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सख्त कदम उठाए हैं। इसको लेकर नए नियम जारी किए गए हैं।

शहरी कोआपरेटिव बैंकों में लोन के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। संपत्तियों के एवज में लोन देने से पहले बैंक कम से कम दो वैल्यूअर से संपत्ति का मूल्यांकन कराएंगे। भूमि और भवन, संयंत्र, मशीनरी, कृषि भूमि का हिसाब अलग-अलग रखना होगा। गोल्ड लोन के लिए भी सख्त प्रावधान किए गए हैं। गोल्ड लोन एक साल से ज्यादा के लिए कोआपरेटिव बैंक नहीं दे सकेंगे। सोना कितना शुद्ध है, अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर इसकी जांच बैंक परिसर में ही पंजीकृत सराफा व्यापारी से कराना होगी।

शहरी कोआपरेटिव बैंकों में एनपीए यानी गैर निष्पादित संपत्तियां आरबीआई के लिए चिंता का विषय है। इसे कम करने और शहरी कोआपरेटिव बैंकों के कामकाज में पारदर्शिता के लिए तमाम नियम लागू किए जा चुके हैं। कोआपरेटिव बैंकों की निगरानी के लिए आनलाइन बैंकिंग सहित दस्तावेजी प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया है। अब संपत्तियों और गोल्ड लोन में पारदर्शिता लाने के लिए आरबीआई ने नए मानक तय किए हैं। ऐसा इसलिए कि बड़ी संख्या में संपत्तियों की कीमत से ज्यादा लोन देकर बैंकों में जमा ग्राहकों की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रबंधन की सांठगांठ से मूल कीमत से ज्यादा लोन लेने वाले 90 फीसदी खाते एनपीए हो जाते हैं।

संपत्तियों के मूल्यांकन पर सख्ती, बिना पैनल दिया तो कार्यवाही

अब सरकारी बैंकों की तर्ज पर कोआपरेटिव बैंकों को भी मूल्यांकनकर्ताओं का पैनल बनाना होगा। मूल्यांकन पेशेवर रूप से योग्य स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा ही किया जाएगा। उसका संबंध बैंक के किसी भी कर्मचारी, अधिकारी या प्रबंधन से नहीं होगा। पचास करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के लिए बैंक न्यूनतम दो स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट बनवाएंगे। इसमें समय के साथ संपत्तियों की कीमत में कमी या बढ़ोतरी का भी जिक्र करना होगा। बैंकों को दोनों ही मूल्यांकन की रिपोर्ट लोन खत्म होने तक सुरक्षित रखना होगा। बैंक में संपत्ति मूल्यांकनकर्ताओं के पैनल में अलग-अलग विशेषज्ञ होंगे। जैसे भूमि और भवन, संयंत्र, मशीनरी, कृषि भूमि आदि के अलग विशेषज्ञ रखना होंगे।

गोल्ड लोन पर दिए ये खास निर्देश

-सोने पर लोन प्राथमिकता में उन्हीं व्यक्तियों को दें जिनका बैंक से उचित परिचय हो
-सोने के गहनों पर लोन से पहले ठीक से चेक करें कि उसका मालिक कौन है
-बैंक लोन लेने वाले ग्राहक से घोषणा पत्र लेंगे कि आभूषण उसके अपने हैं
-बैंक को सोने के मूल्यांकन के लिए एक अनुमोदित जौहरी को मूल्यांकनकर्ता के रूप में नियुक्त करना होगा
-सोने के गहनों की सुरक्षा के लिए बैंकों को विशेष तिजोरी का बंदोबस्त करना होगा
-बैंक परिसर में ही आभूषणों का मूल्यांकन करने की प्राथमिकता
-ये संभव न हो तो बैंक आभूषणों को तालाबंद बॉक्स में मूल्यांकनकर्ता को भेजेंगे
-बॉक्स की एक चाबी मूल्यांकनकर्ता के पास और दूसरी बैंक के पास रहेगी
-सोने के आभूषणों के बदले एडवांस 6 महीने या एक साल तक सीमित रहेगा
-सोने के गहनों की कीमत का अधिकतम 75 फीसदी ही लोन के रूप में दे सकेंगे।

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