रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल
नेपाल मे भारतीय चावल की कमी होने से भारत नेपाल के नामी तस्करो को खुली छुट नेपाल सीमा पर दे दिया गया । नेपाल बाडर पर तैनाद नेपाल पुलिस ,नेपाल सस्शत्र पुलिस नेपाल कस्टम गेट पर भारत से चावल लेजाने वाले तस्कर हो या आम आदमी सीमावर्तीय क्षेत्रो मे चावल की बिक्री बढ गया है । एक अनुमान के अनुसार भारत से प्रतिदिन 150 टन चावल जो बासमती और नान बासमती है नेपाल जा रहे है ।वही भारतीय अधिकारी जो बाडर पर तैनाद है चावल तस्करी रोकने मे असफल नजर आ रहे है । भारत सरकार द्धौरा चावल पर लगाये गये प्रतिबन्ध को नजर अंदाज कर रहे है । जिससे भारत से आसानी से चावल नेपाल जा रहे है
वही दुसरी तरफ नेपाल सरकार चावल को लेकर प्रतिबन्ध हटाने के लिए भारत सरकार पर लगा तार दबाव.बनाये हुये है ।
पिछले दिनों भारत द्वारा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध का असर नेपाल में दिखने लगा है। नेपाल की कुल खपत का 20 प्रतिशत चावल भारत से ही आयात किया जाता रहा है। करीब 70 लाख मीट्रिक टन चावल की खपत में से 15 लाख मीट्रिक टन चावल भारत से आयात होता रहा है। सरकारी आंकड़ा बताता है कि पिछले आर्थिक वर्ष में भारत से करीब 1500 करोड़ रुपये के चावल का आयात किया गया।इतने बड़े पैमाने पर चावल के आयात पर निर्भर रहने वाले नेपाली समाज में प्रतिबंध की खबर आते ही आम जनता से लेकर व्यापारी तक ने चावल का भंडारण करना शुरू कर दिया है। इससे चावल की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि की शिकायत लगातार आ रही है।
इसके मद्देनजर नेपाल सरकार ने अहम फैसला लिया है। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद संबंधित मंत्रालय के उच्च अधिकारियों की बैठक में चावल की कालाबाजारी रोकने, मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण करने और आम जनता को चावल की कमी नहीं होने देने के लिए लगातार बाजार अनुगमन करने का फैसला किया गया है।
नेपाल सरकार के मुख्य सचिव वैकुण्ठ अर्याल की अध्यक्षता में हुई बैठक में देश में भारत के चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद की परिस्थितियों पर गम्भीरता पूर्वक विचार-विमर्श किया गया। इस उच्च स्तरीय बैठक के बाद जारी बयान में चावल की कालाबाजारी रोकने और मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण करने के लिए देशभर में नियमित बाजार अनुगमन करने का फैसला लिए जाने की जानकारी दी गई है।
नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय, योजना आयोग, राष्ट्रीय सतर्कता केंद्र, कृषि मंत्रालय, आपूर्ति मंत्रालय के सचिव सहित विभिन्न सरकारी जांच एजेंसियों के प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने की जानकारी दी गई है।
भारत सरकार ने पिछले वर्ष चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाने का निर्णय किया था, लेकिन नेपाल सरकार के मानवीय आधार पर इसमें छूट देने का आग्रह करने पर भारत ने छह लाख मीट्रिक टन तक के चावल निर्यात को कर के दायरे से बाहर कर दिया था।
फिलहाल नेपाल में उसी कोटे के तहत चावल का आयात किया जा रहा था। भारत सरकार के ताजा निर्णय में राहत कोटा के तहत भेजे जा रहे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने के बाद किसी भी प्रकार की असहज स्थिति से बचने के लिए नेपाल सरकार ने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत पर नेपाल के तरफ से दबाव बनाया जा रहा । वही भारत नेपाल बाडर से नेपाल मे चावल लाने के लिये तस्करो को पुरी छुट नेपाल प्रशाशन से मिल रही.है ।