रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं——–
भारत का यह पड़ोसी देश ड्रैगन के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने में जुट गया है—————-
नेपाल और चीन एक बार फिर से द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को शुरू करने जा रहे हैं————
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की चीन यात्रा से ठीक पहले भारत का यह पड़ोसी देश ड्रैगन के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने में जुट गया है। नेपाल और चीन एक बार फिर से अपने द्विपक्षीय सैन्य और रक्षा संबंधों को शुरू करने जा रहे हैं। इसमें नेपाल और चीनी सेना के बीच सैन्य अभ्यास तथा चीन के अंदर सैन्य प्रशिक्षण शामिल है। नेपाल की सेना और भारतीय सेना के बीच बहुत करीबी संबंध रहे हैं। नेपाल की सेना को भारत के अंदर प्रशिक्षण मिलता रहा है, अब चीन की सेना के साथ अगर नजदीकी बढ़ती है तो यह टेंशन बढ़ाने वाला हो सकता है। यही नहीं नेपाल के गोरखा सैनिक भारतीय सेना के अंदर बड़ी संख्या में तैनात हैं।
चीन और नेपाल की सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास साल 2019 में कोरोना काल के दौर से ही बंद था। अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। चीन की सेना पीएलए के तिब्बत मिलिट्री कमांड के मेजर जनरल यूई अंदे नेपाल के 5 दिवसीय दौरे पर आए हैं और इस दौरान सैन्य अभ्यास को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी। चीनी सेना के मेजर ने नेपाली सेना के प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा से मुलाकात की है। नेपाल अपने कुछ सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए चीन भेजने जा रहा है।
नेपाली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल कृष्ण प्रसाद भंडारी ने कहा कि चीनी मेजर जनरल की यात्रा अपने आप में यह दिखाता है कि नेपाल की सेना और चीन की सेना के बीच परंपरागत सहयोग फिर से शुरू हो गया है। नेपाली सेना ने कहा कि दोनों सैन्य अधिकारियों के बीच आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा हुई है। नेपाली प्रवक्ता ने कहा कि मैं नहीं जानता हूं कि चीनी सैन्य अधिकारी की यात्रा का छिपा हुआ अजेंडा क्या है लेकिन इस दौरान परंपरागत सहयोग और समझौतों को फिर से बहाल करने पर सहमति बनी है।
इस बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाल के उप राष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव से चीन के कुनमिंग शहर में मुलाकात की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने नेपाली उप राष्ट्रपति के हवाले से कहा, ‘नेपाली पक्ष हमेशा से ही देश की विदेश नीति में चीन के साथ रिश्ते को प्राथमिकता देता है। नेपाल एक चीन नीति को आगे भी मानता रहेगा और राजनीतिक वादों पर बना रहेगा। नेपाल किसी को भी अपनी जमीन का इस्तेमाल चीन विरोधी गतिविधियों के लिए कभी नहीं करने देगा।’ इस पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाल की तारीफ की और कहा कि नेपाल के राजनीतिक दलों ने हमेशा चीन के मुख्य हितों का सम्मान किया है और दोस्ती को बरकरार रखा है। काठमांडू स्थित चीनी दूतावास में चीनी सेना का जमावड़ा दो महिनों से देखा जा रहा है नेपाल में चीनी सेना के अधिकारी भारत नेपाल सीमा क्षेत्रों में आम आदमी के तरह घुम रहे हैं । चीनी सेना के अधिकारीयों का मोमेन्ट बुटवल स्तिथ नेपाली सेना कैम्प से हो रही है जो सोनौली बार्डर से 25 किलोमीटर पर है ।