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नौतनवा के पूर्व विधायक पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की अनुपस्थिति पर बस्ती कोर्ट का कड़ा सवाल, गोरखपुर CMO से मांगी बीमारी की जानकारी


रिपोर्टर रतन गुप्ता नौतनवा
बस्ती कोर्ट ने नौतनवा के पुर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी की पेशी नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सवाल किया है कि अमरमणि को कौन सी ऐसी बीमारी है, जिसके कारण वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते। कोर्ट ने गोरखपुर के सीएमओ से इस संबंध में जानकारी मांगी है।

बस्ती कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की अनुपस्थिति पर कड़ी टिप्पणी की है। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी का इन दिनों बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। अपहरण के एक 22 साल पुराने केस में अमरमणि की पेशी होनी थी। बीमारी का हवाला देकर कोर्ट में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री पेश नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने गोरखपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर से उनके स्वास्थ्य के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। बस्ती एमपी-एमएलए कोर्ट के जज प्रमोद गिरी की कोर्ट में अपहरण केस की सुनवाई होनी थी। इसमें अमरमणि त्रिपाठी को पेश होना था। उनकी अनुपस्थिति पर कोर्ट ने सवाल किया तो बीमारी की बात बताई गई।

विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज प्रमोद गिरी ने इस संबंध में गोरखपुर के सीएमओ को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सीएमओ से पूछा है कि अमरमणि को ऐसी कौन सी बीमारी है, जिससे वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकते? अपहरण केस में गैरहाजिर चल रहे दो अन्य आरोपियों को हाजिर करने के लिए डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। इस मामले में जज ने 24 अगस्त को अगली तिथि निर्धारित की है। इस प्रकार गोरखपुर सीएमओ को मेडिकल बोर्ड का गठन कर इस तिथि से पहले अपनी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में देनी होगी।
क्या है मामला?
विशेष सरकारी वकील देवानंद सिंह ने 2001 के अपहरण केस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर निवासी धर्मराज गुप्ता के बेटे का तब अपहरण हुआ था। पुलिस ने उस समय के विधायक अमरमणि त्रिपाठी के घर से अपहृत को बरामद किया। इस मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया। इसमें तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी, नैनी शर्मा और शिवम उर्फ रामयज्ञ कोर्ट से अनुपस्थित चल रहे हैं। इस कारण 22 सालों से कोर्ट में कार्यवाही लंबित है।
वकील ने तबीयत खराब होने की दी जानकारी
अमरमणि के वकील ने इस मामले में कोर्ट में पूर्व मंत्री की तबीयत खराब होने का हवाला दिया। अस्पताल में इलाज चलने की जानकारी दी। पहले भी कोर्ट की ओर से गोरखपुर सीएमओ से रिपोर्ट मांगी गई थी। सीएमओ ने जब संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो एक अलग मेडिकल बोर्ड का गठन कर अमरमणि के स्वास्थ्य की जांच कराने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य अनुपस्थित आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

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