रिपोर्टर रतन गुप्ता नौतनवा /महराजगंज
नौतनवां। एक तरफ जहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रख-रखाव और प्रबन्धन करने और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखने के लिए अपनी ऑफिशल वेबसाइट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जरिए भारत के समस्त टोल प्लाजों द्वारा हो रहे कर की वसूली करता है इसके साथ ही सड़कों की मरम्मत व राहगीरों को बेहतर सुविधा देने का कार्य करता है बात करें NH 24 की तो भारत नेपाल के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने इस टोल पर कई प्रकार के अनियमितताओं का भंडार है। जिसमें सर्वप्रथम दो पहिया वाहनों हेतु बनाए गए साइड लाइन की तो वहां पत्थर रखकर बैरिकेडिंग की जाती है जो कभी भी वाहन चालकों के पैर में फंस कर दुर्घटना को अंजाम दे सकती है। इतना ही नहीं टोल पर तैनात कर्मचारियों की बात करें तो न ही वह यूनिफॉर्म में होते हैं और न ही अन्य कपड़ों पर आई कार्ड लगाकर चलते हैं इससे पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कौन कर्मचारी है और कौन ठेकेदार फिलहाल मामला यह है कि सोशल मीडिया पर छपवां टोल प्लाजा का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कर्मचारियों द्वारा ट्रक चालक से ओवरलोड के नाम पर 260 रुपए की वसूली करते नजर आ रहे हैं जिसकी प्रिंटिंग एक झोले में रखें हैंडल मशीन से की जा रही है बड़ी बात तो यह है कि इस मशीन द्वारा निकाली गई रसीद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर अपलोड तक नहीं होता अर्थात वसूल की गई धनराशि सीधा ठेकेदार के जेब में जाता है।
इसकी पड़ताल के लिए जब टोल पर पहुंच कर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की तो कर्मचारियों ने तत्काल झोले में रखे मशीन को वहां से हटा दिया मौके पर मिली एक रसीद को जब पत्रकार ने हाथ में लेकर पूछताछ की तो कर्मचारियों ने कहां इसे वापस कीजिए इसे ट्रक चालकों को देना होता है और जबरन रशीद को छीन लिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखने के बाद टोल के ठेकेदारों ने अपने दो कर्मचारियों को तत्काल टोल की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया इसके बाद निलंबित कर्मचारी सुफियान अंसारी ने बताया कि हम टोल कर्मचारी हैं पिछले 4 महीना से कार्य कर रहे थे इस समय देवेंद्र शर्मा का ठेका है उनके द्वारा बताया जाता था कि हैंडल मशीन से रसीदों को प्रिंट करो तो हमारे द्वारा किया जाता था और यदि हम कार्य करने से मना करते थे तो हमें नौकरी से निकाल देने का धमकी भी दिया जाता था जब वीडियो वायरल हुआ तो हमारे ऊपर आरोप लगाते हुए हमें टोल से निष्कासित कर दिया गया है।
टोल प्लाजा के कर्मचारी दुर्गेश यादव ने बताया कि वह पिछले 1 वर्षों से अधिक समय से टोल पर कम कर रहे हैं इस समय देवेंद्र शर्मा की कंपनी ठेका चला रही है हमने उनके कहने के अनुसार सुचारू रूप से कार्य किया इसके बावजूद भी बिना किसी कारण को बताएं हमें नौकरी से निकाल दिया गया है।
ट्रक वाहन चालक संतोष मौर्य ने बताया कि वह अपने गाड़ी में कोयला लादकर नेपाल जा रहे हैं उनकी गाड़ी को ओवरलोड बता कर टोल कर्मचारियों द्वारा 260 रुपए की जबरिया वसूली की गई है वहां पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी नहीं लगा है फिर भी मनमाने तौर से पैसा वसूल रहे हैं।
शैलेश यादव ट्रक चालक ने बताया कि वह आजमगढ़ से सामान लाद कर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल जा रहे हैं छपवां टोल प्लाजा पर स्थित टोल कर्मियों द्वारा हमारी गाड़ी में ओवरलोड बात कर ₹260 की वसूली किए हैं और रसीद भी नहीं दिए हैं।
ट्रक चालक मनोज यादव ने बताया कि वह बनारस से गाड़ी लेकर आ रहे हैं और छपवा टोल प्लाजा पर बिना इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगाएं हमारी गाड़ी को ओवरलोड बताने लगे इस पर जब हमने बहस किया तो उन्होंने बिल्टी पेपर मांगा इसके आधार पर उन्होंने 50 किलो ज्यादा वजन होने का हवाला देते हुए ओवरलोड का चार्ज 260 रुपया काट दिए हैं।
इस संबंध में जब छपवां टोल प्लाजा के मैनेजर विक्रम सिंह से जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। फिलहाल इस संबंध में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के गोरखपुर मंडल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भावेश अग्रवाल ने बताया पूर्व में भी कार्यवाही की जा चुकी है फिलहाल संबंधित के विरुद्ध पुन: कार्यवाही की जाएगी।