रिपोर्टर रतन गुप्ता
*जहां एक तरफ टाइगर रिजर्व के जंगलों से अलग-अलग इलाकों में आबादी मेंपहुंचे बाघ व तेंदुए आतंक का पर्याय बने हुए हैं. वहीं दूसरी ओर नेपाल से भारत की सीमा में आए हाथी भी किसानों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. बीते कुछ सप्ताह से नेपाली हाथियों का झुंड भारत की सीमा में चहलकदम कर उत्पात मचा रही है ।पीलीभीत जिले में नेपाल की सीमा पर बसे गांव में रहने वाले लोगों के लिए नेपाल से आए हाथियों के झुंड आफत का सबब बन गया हैं. आए दिन हाथियों के झुंड गांव में उत्पात मचा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में सैकड़ों एकड़ फसल को हाथियों ने बर्बाद कर दिया है. वहीं अब ग्रामीणों में भी वन विभाग को लेकर खासा रोष देखा जा रहा है.
जहां एक तरफ पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों से अलग-अलग इलाकों में आबादी के पहुंचे बाघ व तेंदुए आतंक का पर्याय बने हुए हैं. वहीं दूसरी ओर नेपाल से भारत की सीमा में आए हाथी भी किसानों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. दरअसल भारत-नेपाल सीमा पर दोनों ही देशों के वन्यजीव अभ्यारण स्थित हैं. वहीं जंगल की सीमा खुली होने के चलते वन्यजीव विचरण करते हुए एक दूसरे देशों में पहुंच जाते हैं. सीमा पर कई गांव भी स्थित हैं जो एकदम जंगल से सटकर बसे हैं.
हाथियों के उत्पात में कई एकड़ फसल बर्बाद
बीते कुछ सप्ताह से नेपाली हाथियों का झुंड भारत की सीमा में चहलकदमी कर रहा है. लेकिन अब ये चहलकदमी अब ग्रामीणों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. हाथियों का यह झुंड बीते कुछ दिनों से ढकिया ताल्लुके महाराजपुर गांव में जमकर उत्पात मचा रहा है. वहीं इस झुंड ने अंदाजन कई एकड़ धान की फसल बर्बाद कर दी है. जिसके चलते किसानों का भारी नुकसान हो रहा है. ऐसे में ग्रामीण दहशत के साथ ही साथ वन विभाग के प्रति रोष में भी हैं.
विभाग की टीमें निगरानी में जुटी
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि सीमाएं खुली होने के कारण कई बार वन्यजीव भारत की सीमा में दाखिल हो जाते हैं. विभाग की टीमें निगरानी में जुटी हैं.