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अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी, मायावती ने किया ऐलान


रिपोर्टर रतन गुप्ता
लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य रूप से दो गठबंधन बन रहे हैं। लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने इन दोनों गठबंधन से अलग रहकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनावों के लिए दो गठबंधन बन चुके हैं। एक गठबंधन NDA है, जिसमें 35 से भी ज्यादा दल शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ 25 से भी ज्यादा दलों से मिलकर बना इंडिया गठबंधन है। इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, जेडीयू, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी समेत कई दल शामिल हैं। इस गठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी हैं। पिछली बैठक मुंबई में हुई थी। इस बैठक से पहले खबर आई थी कि मायावती का दल बहुजन समाज पार्टी भी इसमें शामिल हो सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

गठबंधन में शामिल होने की ख़बरें झूठी

अब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में एक बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही कहा गया कि कुछ दिनों पहले पार्टी के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की ख़बरें आई थीं जोकि पूरी तरह से असत्य थीं। इस बैठक के बाद एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस बैठक के बाद कहा गया है कि ऐसी झूठी खबरें पहले भी आई हैं और आगे भी आएंगी लेकिन इसमें बिलकुल भी सत्यता नहीं है

एमपी में बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ किया गठबंधन

वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए थे। पार्टी इस बार अकेले नहीं बल्कि गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने गठबंधन कर लिया है। बसपा के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और जीजीपी के राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने इस गठबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में उनकी सीट-बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार, बसपा 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जीजीपी 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दोनों दलों ने बाद में जारी एक संवाददाताआ सम्मेलन में कहा, ‘‘दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार को खत्म करने के लिए मध्य प्रदेश में इस गठबंधन की सरकार बनेगी। इससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का तानाशाही और पूंजीवादी शासन भी खत्म होगा और गरीबों को न्याय मिलेगा।

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