रिपोर्टर रतन गुप्ता
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में महाभारत और रामायण कालीन विभिन्न आपको ऐतिहासिक मंदिर देखने को मिलेंगे. कुछ इसी तरह का उल्लेख मेरठ की नौचंदी मैदान स्थित चंडी देवी का भी सुनने को मिलता है. हजारों वर्षों से किदवंती चली आ रही है कि इस मंदिर का निर्माण रावण की पत्नी मंदोदरी द्वारा किया गया था. वह प्रतिदिन चंडी देवी मां की पूजा अर्चना करने के लिए आया करती थी. तब से लेकर अब तक भक्तों की विशेष आस्था मंदिर से जुडी हुई है.
चंडी देवी मंदिर के पीठाधीश्वर पंडित संजय कुमार शर्मा ने बताया की वैसे तो मां चंडी देवी सभी भक्तों की इच्छाएं पूरी करती है. लेकिन विशेष परिस्थितियों के बीच भक्त 40 दिन निरंतर मां चंडी देवी की पूजा अर्चना करते हुए दीप प्रचलित करें. तो ऐसे सभी भक्तों की हर प्रकार की इच्छाएं पूरी होती है. वह बताते हैं पीढ़ियों से उनके परिवार के सदस्य मां चंडी देवी के मंदिर में पूजा अर्चना की व्यवस्था संभालते हुए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि रावण की पत्नी मंदोदरी ने मां चंडी देवी की स्थापना कराई थी
बिन मांगे पूरी होती है मन्नत
मंदिर में आए भक्तों ने भी कहा कि मां चंडी देवी से वह जो भी मांगते हैं. वह तो मिलता ही मिलता है. बिन मांगे भी भी भक्तों की झोली भर देती है. कुछ भक्तों का तो यहां तक कहना है कि उनको कई बार चंडी देवी ने सपने में दर्शन भी दिया. बताते चले की चंडी देवी मंदिर हिंदू मुस्लिम एकता का मिसाल भी माना जाता है. क्योंकि मंदिर के सामने ही बाले मियां की मजार भी स्थित है. ऐसे में श्रद्धालु एक दूसरे की धार्मिक स्थलों की तरफ विशेष आस्था स्नेह के साथ नमन करते हुए भी दिखाई देते हैं.