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गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत पर 4 महीने में 4 बार पत्‍थरबाजी, आरोपियों ने बताया क्‍यों फेंके थे पत्‍थर

रिपोर्टर रतन गुप्ता
उत्तर प्रदेश में लखनऊ से गोरखपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर 4 महीने में पत्थरबाजी की 4 बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी है. जिस ट्रेन पर फूल बरसाकर उसका स्वागत किया गया था, उसी पर पत्थर बरसाए गए. पत्थरबाजी करने वाली बदमाशों का कहना है कि उन्हें ऐसा करने में मजा आता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन से बकरी के कटने के बाद इसका बदला लेने के लिए पत्थरबाजी की पहली घटना को बदमाशों ने अंजाम दिया था. हालांकि बाकि की 3 घटनाओं को आरोपियों ने अपने मजे के लिए किया. इतना ही नहीं बदमाशों ने खुद इस बात को खुलासा किया है.

बता दें कि 17 जुलाई को लखनऊ से वापसी के दौरान डोमिनगढ़ में वंदे भारत ट्रेन पत्थरबाजी हुई थी. इस हादसे में कोच के शीशे टूट गए थे. इस बाद आरपीएफ ने मामले की जांच की. फिर सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों की मदद से बदमाशों की पहचान की थी. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया था कि मजे के लिए उन्होंने ट्रेन पर पत्थबाजी की है.

पत्थरबाजी में टूटे थे कोच के शीशे
17 जुलाई के बाद 7 अगस्त को भी गोरखपुर में धर्मशाला ओवरब्रिज के पास ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई थी, जिसमें C-2 कोच के शीशे टूट गए थे. इसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर राजस्थान के रहने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में उसने बताया था कि मजे के लिए उसने ट्रेन पर पत्थर फेंके. फिर 15 सितंबर को भी गोरखपुर से लखनऊ जाने के दौरान मल्हौर के पास ट्रेन पर पत्थरबाजी की गई.

इस हादसे में C-4 कोच के शीशा टूट गया था. आरपीएफ ने आरोपी को गिरफ्तार किया तो उसने मजे के लिए पत्थर फेंकने की बात कबूल की थी. इससे पहले 11 जुलाई को वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने वाले आरोपी ने बताया पूछताछ में बताया था कि बकरी कटने का बदला लेने के लिए पत्थर चलाए थे.

रेलवे ने लोगों की दी सख्त चेतावनी

रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंकने वालों को आरपीएफ ने पकड़ा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. पूछताछ में बताया कि मजे के लिए ट्रेन पर पत्थर फेंके थे. इसके साथ की लगातार लोगों को सख्त चेतावनी दी जा रही ही कि ऐसा न करें. उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है.

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