रिपोर्टर रतन गुप्ता
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों को दिवाली पर बड़ा गिफ्ट मिलने वाला है. यूपी के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की पदोन्नति के लिए मसौदा तैयार कर लिया गया है. उन्हें आगामी 8 नवंबर तक प्रमोशन मिल सकता है. खास बात ये है कि इसमें 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों को भी प्रमोशन का मौका मिल रहा है.
प्राइमरी शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया में 5 साल की सेवा पूरी कर लेने वाले शिक्षकों को शामिल किया गया है. वरिष्ठता सूची की कटऑफ तिथि पहले 25 अगस्त तय की गई थी. इस कारण 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्त और 7 सितंबर 2018 में नियुक्ति पत्र पा चुके शिक्षक प्रमोशन की रेस से बाहर हो रहे थे. ये सभी मात्र 12 दिन के कारण ही पदोन्नति के लाभ से चूक रहे थे.
बीएसए को देना होगा प्रमाण पत्र
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंघ बघेल ने बीते 15 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया गया था. इसके मुताबिक 30 सितंबर 2023 तक 5 साल की सेवा पूरी करने लेने वाले सहायक शिक्षकों को भी पदोन्नति मिलेगी. इससे अब 68500 भर्ती में हुए शिक्षक भी प्रमोशन के पात्र होंगे. इसके लिए बीएसए को त्रुटिरहित वरिष्ठतासूची अपलोड करने का प्रमाण पत्र भी देना होगा. गौरतलब है कि शिक्षकों की वरिष्ठता सूची 24 जुलाई तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की गई थी. इसके बाद प्रयागराज समेत कई जिलों के 2009 तक नियुक्त शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हो सका.
प्रमोशन की छह महीने से चर्चा
प्रदेश के 1.14 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में काम करने वाले सहायक शिक्षकों के प्रमोशन का मामला बीते छह महीने से चर्चा में है. इस संबंध में पहले भी आदेश जारी हो चुका है. इस पर शिक्षकों का कहना है कि प्रमोशन अटकने से उन्हें हर महीने औसतन ढाई से तीन हजार रुपए का नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि नियम के मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में तीन साल में शिक्षकों को प्रमोशन मिल जाना चाहिए