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नेपाल के बाद अब यहां आ सकता है तेज भूकंप! IIT कानपुर के प्रोफेसर ने जताई आशंका, यहां जानें सब

रतन गुप्ता उप सम्पादक

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की माने तो भूकंप लगातार पश्चिम की ओर खिसक रहा है. ऐसे में अब आगे भारत के उत्तराखंड में भी शक्तिशाली भूकम्प आ सकता है ।

कानपुर. इस साल देश में कई बार भूकंप के झटके देखने को मिले हैं. बीते 3 नवंबर को भी उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. जिसका का केंद्र नेपाल रहा था. इसके पहले भी नेपाल में कई बड़े भूकंप आ चुके हैं, जिसमें काफी नुकसान हुआ था. देश और दुनिया में आने वाले भूकंप और इस पर अध्ययन कर रहे हैं. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की माने तो भूकंप लगातार पश्चिम की ओर खिसक रहा है. ऐसे में अब आगे भारत के उत्तराखंड में भी भूकंप आने की संभावना तेजी से बढ़ रही है.

उनके अनुसार उत्तराखंड में भूकंप आना तय है और इसकी तीव्रता भी अधिक हो सकती है. पूर्व में भी अधिक तीव्रता के भूकंप यहां पर आए हैं, ऐसे में हमें अभी से भूकंप को लेकर इससे बचाव के इंतजाम करने चाहिए. जिससे ज्यादा नुकसान ना हो. इसको लेकर अभी से हमें सावधानी बरतनी चाहिए और तैयारी करनी चाहिए. भूकंप को रोकना किसी के बस में नहीं है, लेकिन भूकंप रोधी प्लान तैयार करके हम नुकसान को रोक सकते हैं.

बढ़ रहा बड़ा भूकंप का खतरा
आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर जावेद मलिक ने बताया कि जिस प्रकार से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. उत्तर भारत में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हो रहे हैं. वही अभी आए भूकंप में कानपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. ग्राउंड फ्लोर तक भूकंप का झटका लोगों को समझ में आया था. वहीं अभी कुछ दिन पहले भी नेपाल में भूकंप आया था. अब जो भूकंप आया है. वह 75% पश्चिम की ओर बढ़ा है. ऐसे में अब आगे भी भूकंप आने की आशंका प्रबल है और उत्तराखंड में भी भूकंप पर आना तय है और यह भूकंप अधिक तीव्रता का हो सकता है.

मच सकती है भयंकर तबाही
उत्तराखंड की बात की जाए तो उत्तराखंड में साल 1505 और 1803 में अधिक तीव्रता के भूकंप मिले हैं. प्रोफेसर मलिक ने बताया कि जब भूकंप को लेकर अध्ययन किया जा गया है तो उसमें भारत में अधिक तीव्रता के भूकंप के साक्ष मिले हैं. साल 1505 और 1803 में तेज भूकंप उत्तराखंड में आ चुका है, जिसमें काफी तबाही हुई थी. ऐसे में उत्तराखंड में अभी भी भूकंप आने की प्रबल संभावना है. इसकी तीव्रता क्या होगी यह अभी नहीं बताया जा सकता है. लेकिन यह अधिक हो सकती है. इसलिए सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए और अभी से भूकंप से होने वाले नुकसानों को रोकने के लिए इंतजाम करना चाहिए

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