सोनौली बार्डर से मानव तस्करी के लिए बसों में एक ही नाम पर बुक हो जाते हैं10 से 20 नंबर तक की सीट बाडर पर मानव तस्करी रोकने में असफल


रतन गुप्ता उप सम्पादक
सोनौली बार्डर हमेशा चर्चा में रहा है इन दिनों नेपाल में पहाड़ी क्षेत्रो में भूकम्प आने ने मानव तस्करी का धंधा बढ़ गया प्रतिदिन सोनौली बार्डर से 10,15 नेपाली लड़कियां सोनौली बार्डर से भारत के दिल्ली , बम्बई , कोलक्ताता होकर खाड़ी देश जा रही है सोनौली बार्डर पर तैनाद कई संस्थाये को काम नहीं कर रही है सरकार से इसका फायदा उठा रही है । नेपाल से भारत में तेजी से लड़कियां जा रही जब की बागडोर कोई चेकिंग पूछ तआछ होता ही नहीं है । कागज़ों में ही चल रही है जांच ।
भारत-नेपाल के सीमा क्षेत्रों से मानव तस्करी में शामिल मानव माफिया दिल्ली व गोरखपुर जाने वाली बसों में एक व्यक्ति के नाम पर 10 से 20 नंबर तक की सीटों को बूक कर लेते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में मानव तस्करी के लिए सक्रिय एजेंट बसों में सीट बूक करने के बाद रोजगार के नाम पर तस्करी के लिए जे जाए जा रहे लोगों को अलग-अलग उनकी सीट नंबर दे देते हैं। सभी अपनी-अपनी सीटों पर बैठ जाते हैं, इसमें अधिकांश लोगों को एक ही एजेंट ले जाते हैं। लेकिन उन्हें मालूम नहीं रहता है। यही वजह है कि अधिकांश मामलों में नेपाल से युवा लड़की और लड़कों की तस्करी मामले में सीमावर्ती क्षेत्र के पुलिस और एसएसबी को बड़ी सफलता नहीं मिल रही है। कई घटनाएं हुई हैं गुप्त सूचना के आधार पर शंभू नाथ बस से महिला एजेंट सहित तीन को हिरासत में लेने के बाद नेपाल पुलिस को सौंप दिया था।

एसएसबी ने 54 युवक-युवतियों को तस्करों से कराया था मुक्त भीमनगर के रानीगंज में नेपाल से राजस्थान के जयपुर ले जाए जा रहे एक बस से 53 युवक-युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से एसएसबी ने मुक्त कराया था। जिसमें 14 युवतियां, 7 नाबालिग लड़कियां और 33 युवा शामिल थे। सभी नेपाल के सप्तरी जिले के कंचनपुर, धर्मपुर, रूपनगर, मधवापुर के निवासी थे। जिसे तस्कर बस में बिठा कर के रास्ते जयपुर लेकर जा रहे थे।

तस्करों के पास होती है दोनों देशों की नागरिकता: इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि मानव तस्करों के पास भारत एवं नेपाल दोनों देशों की नागरिकता रहती है। को जिन 53 लोगों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया। उसमें तस्कर मीन बहादुर और कृष्ण बहादुर कार्की के पास नेपाल की नागरिकता के साथ ही भारत के जयपुर से निर्गत मतदाता पहचान पत्र भी थे। यह बात गुरुवार को दिल्ली जा रही बस से पकड़ी गई महिलाओं से पूछताछ के दौरान पता चला।

बस की जांच से रुक सकती है मानव तस्करी : वीरपुर सहित अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों से दिल्ली और गोरखपुर के लिए खुलने वाली बसों की जांच से तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है।
इन दिनों नेपाली लड़कियों को दलाल सोनौली बार्डर लेकर भारी संख्या में भारत भेज रहे हैं इस मानव तस्करी में अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह पुरी तरह से सोनौली बार्डर पर सक्रिय हैं । इस दलाली में भारत नेपाल के काई लोग सामिल है ।

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