रतन गुप्ता उप सम्पादक
नेपाल में जिला प्रशासन कार्यालय, काठमांडू ने माइतीघर मण्डला से लेकर बानेश्वर तक के क्षेत्र को निषेधित क्षेत्र घोषणा की है । जो पर्यटक क्षेत्र है ।
जिला सुरक्षा समिति, काठमांडू द्वारा किए गए सिफारिस के आधार में सोमवार से ही लागू हो चुकी है और यह ३० दिन तक रहेगी । निषेधित क्षेत्र तय करने का निर्णय हो चुका है । ये जानकारी काठमांडू के प्रमुख जिला अधिकारी ने दी है ।
प्रशासन के निर्णय अनुसार, पद्यमोदय मोड से लेकर सिंहदरबार पश्चिम गेट, सर्वोच्च अदालत होते हुए माइतीघर मण्डला के चोरों ओर निषेधित क्षेत्र की घोषणा की गई है । इसी तरह माइतीघर मण्डला से लेकर बबरमहल, बिजुली बजार पुल से होते हुए नया बानेश्वर चोक तक को भी निषेधित क्षेत्र घोषणा की गई है ।
निषेधित क्षेत्र घोषणा होने के साथ ही इन जगहों पर ५ से ज्यादा लोग नहीं मिल बैठ सकते हैं, और ना ही जुलुस, प्रदर्शन, धर्ना, घेराउ, अनशन, सभा के साथ ही किसी तरह का आन्दोलन या विरोध का कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं ।
प्रमुख जिला अधिकारी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ऐन, २०२८ के दफा ६ के उपदफा (३क) अनुसार निषेधित क्षेत्र तय करने का निर्णय किया गया है । इसमें में से किसी भी जगह में हुड़दंग अशान्ति होने का,तथा ५ से ज्यादा लोग एक जगह मिल बैठकर कोई योजना नहीं बना सकते हैं । आदेश में साफ उल्लेख किया गया है ।
युवा संघने और दुर्गा प्रसाईं के नेतृत्व में राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कृति और नागरिक बचाओं अभियान ने ७ मंसिर में माइतीघर मण्डला में शक्ति प्रदर्शन करने की अलग अलग घोषणा की थी । लेकिन प्रशासन ने दोनों पक्षों को बुलाकर माइतीघर में कार्यक्रम नहीं करने देगी यह बताया था । लेकिन दोनों पक्षों ने दूस्री जहग तलाश कर कार्यक्रम करने की बात कही है ।
वैकल्पिक स्थान के रुप में तीनकुने, खुलामञ्च, नारायण चौर, माछापोखरी, कीर्तिपुर आदि क्षेत्र मध्ये किसी एक को तय करने को कहा है ।
युवा संघ ने अपने कार्यक्रम को लेकर कहा है कि ‘मूल्यवृद्धि, भ्रष्टाचार, जातीय सद्भाव और अराजकता विरुद्ध’ को लेकर प्रदर्शन कर रही है । वही प्रसाईं का कहना है कि नागरिक मुक्ति आन्दोलन द्वारा व्यवस्था बदलने को लेकर प्रदर्शन करने वाली है ।
वहीं नेपाल सरकार ने पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ा दिया ।