रतन गुप्ता उप संपादक
जागरूकता के बाद भी किसान खेतों में पराली जलाने से परहेज नहीं कर रहे—-
महराजगंज। जागरूकता के बाद भी किसान खेतों में पराली जलाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को सदर तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 25 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में केस दर्ज किया गया। वहीं, 105 ऐसे किसानों को शांति व्यवस्था में पाबंद किया गया है। गांव के सिवान में धुएं की वजह से धुंध दिख रहा है। उधर, पराली जलाने के मामले में कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, अधिकारियों की टीम गांवों में पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में खेतों में पराली जलाते हुए किसान पकड़े जा रहे हैं। उप जिलाधिकारी सदर दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार को तहसील क्षेत्र के पनियरा, कोतवाली, भिटौली, श्यामदेरवा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 25 किसानों के खिलाफ केस दर्ज कराई गई है। वहीं, 105 किसानों को शांति व्यवस्था में पाबंद किया गया है।
उन्होंने बताया कि किसानों को खेतों में पराली न जलाने और पराली प्रबंधन के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है। तहसील क्षेत्र के सभी अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में पहुंचकर किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है। प्रशासन ने पराली को गौशालाओं तक पहुंचाने का प्रबंध भी किया है। किसान पराली न जलाएं। पराली जलाने से प्रदूषण के साथ-साथ किसान मित्र जीवों की भी मौत होती है।
उन्होंने कहा कि किस पराली जलाने के बजाए उसे खेत की मेड़ पर या किसी सार्वजनिक स्थल पर इकट्ठा कर दें। किसान ग्राम प्रधान के माध्यम से परली को गौशालाओं में भिजवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे डि-कंपोजर के माध्यम से पराली का निस्तारण खेत में ही कर सकते हैं। लेकिन पराली जलाना किसी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जल रही पराली, बढ़ रहा प्रदूषण
खुशहालनगर। प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसान खेतों में पराली जला रहे हैं। इससे प्रदूषण पर्यावरण का स्तर बढ़ रहा है। लोगों के अनुसार, नेबुइया, बड़हरा, बारीगाव, कोटवा, टेढ़वा, भगड़ा बिराईचा, मंगलपुर पटखौली , बेलवा तिवारी आदि ग्राम सभाओं के सिवान में पराली जलाया जा रहा है। पर्यावरणविद नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इसमें मनुष्य, पशु-पक्षी व पेड़-पौधों के लिए भी खतरा बना हुआ है। संवाद
अब तक पराली जलाने की 139 घटनाएं, 105 किसानों पर जुर्माना
गौशालाओं में भेजी गई 834 टन पराली, तीन कंबाइन हार्वेस्टर सीज
महराजगंज। प्रशासनिक सख्ती और जागरूकता के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। सेेटेलाइट के माध्यम से चिह्नित करने के बाद जिले में अब तक पराली जलाने की 139 घटनाएं दर्ज की गईं हैं, जिसमें 105 किसानों पर 2,62,500 रुपये जुर्माना भी लगा है।
ये बातें कलक्ट्रेट सभागार में बृहस्पतिवार की शाम प्रेसवार्ता कर पराली से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी अनुनय झा ने कही। उन्होंने कहा कि जिले में अब तक 834 टन पराली एकत्र कर गौशाला को भेजी गई है। तीन कंबाइन हार्वेस्टर को सीज किया गया है। पराली की घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल हुए तीन लेखपालों को निलंबित किया गया है। कृषि विभाग के ब्लॉक स्तरीय 15 कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनके एक दिन का वेतन भी रोका गया है। वहीं, जिले में पराली की घटनाओं के शिथिल पर्यवेक्षण पर 10 सहायक विकास अधिकारी कृषि का नवंबर माह का वेतन रोका गया है।
छह कर्मियों का एक माह का वेतन रोका गया है। उन्होंने किसानों से एक बार फिर पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन की पहल के बाद भी गंभीरता न दिखाने की वजह से एक परिवार को अपने घर के महत्वपूर्ण सदस्य को खोना पड़ा।
30 मामलों में 76 पर दर्ज हुआ केस
पराली जलाने के मामले में जिले के 12 थानों में कुल 76 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सदर कोतवाली में एक मामले में एक व्यक्ति पर, घुघली में सात मामलों में 15 व्यक्तियों पर, पनियरा में तीन मामलों में 11 व्यक्तियों पर, भिटौली में तीन मामलों में सात व्यक्तियों पर, फरेंदा में एक मामले में पांच व्यक्तियों पर, पुरंदरपुर मेंं चार मामलों में आठ व्यक्तियों पर, बृजमनगंज व कोल्हुई में एक-एक मामले में एक-एक व्यक्तियों पर, नौतनवा में एक मामले में तीन व्यक्तियों पर, निचलौल में चार मामलों में 12 व्यक्तियों पर, कोठीभार में तीन मामलों में आठ व्यक्तियों पर एवं चौक में एक मामले में चार व्यक्तियों पर केस दर्ज किया गया है।