रतन गुप्ता उप संपादक
भारत और पड़ोसी देश नेपाल मिलकर जंगी अभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास चीन की नींद उड़ा देगा। इस युद्धाभ्यास का नाम ‘सूर्यकिरण’ है, जो 7 दिसंबर को समाप्त होगा।
भारत और नेपाल मिलकर जंग का अभ्यास कर रहे हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में यह जंगी अभ्यास शुरू हो गया है। यह जंगी अभ्यास 7 दिसंबर को समाप्त होगा। जानकारी के अनुसार भारत और नेपाल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ का 17वां संस्करण शुक्रवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शुरू हुआ। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाने वाला इस बार का वार्षिक अभ्यास सात दिसंबर को समाप्त होगा।
दो सप्ताह तक चलेगा जंगी अभ्यास
मंत्रालय ने कहा कि दो सप्ताह तक चलने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य जंगल युद्ध, पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों और शांति स्थापना अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत मानवीय सहायता एवं आपदा राहत में आपसी संपर्क को बढ़ाना है। बयान में कहा गया कि यह भारत और नेपाल के सैनिकों को विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे की अभियानगत प्रक्रियाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व कर रही कुमाऊं रेजिमेंट
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व कुमाऊं रेजिमेंट की 354 कर्मियों वाली एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है, जबकि नेपाल सेना की टुकड़ी में तारा दल बटालियन के 334 कर्मी शामिल हैं। इसमें कहा गया कि अभ्यास से सैनिकों की अभियानगत क्षमताओं और युद्ध कौशल में निखार आएगा तथा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनकी समन्वय क्षमता मजबूत होगी। बयान में कहा गया, ‘‘सूर्य किरण अभ्यास भारत और नेपाल के बीच मौजूद दोस्ती, विश्वास और सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन का प्रतीक है। इस अभ्यास का उद्देश्य साझा सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करना और दोनों मित्रवत पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है।’’