महराजगंज में ठंड बढ़ते ही कीमती वन संपदा पर तस्करों की नजर, खाली हो रहे जंगल


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज। कीमती वन संपदा पर तस्करों की टेढ़ी नजर है। वे जंगल को काटकर खाली करने में लगे हैं। कुछ तो जलौनी लकड़ी की आड़ में कीमती लड़कियों को बेच रहे हैं। आसानी से जंगल में पेड़ को काटते हैं, फिर वहीं से बोटा बनाकर बाहर करते हैं। ठंड का असर होते ही जंगलों में तस्करों की गतिविधियां तेज हो जाती हैं।

नेपाल बार्डर से सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग 42 हजार हेक्टेयर में फैला है। यहां हरियाली वर्तमान में 1.31 वर्ग किलोमीटर कम हुई है। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग अंतर्गत मधवलिया जंगल में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध कटान हो रही है। जलाैनी के लिए लकड़ी काटने वाले पेडों की कटान कर छोड़ देते हैं। जलौनी लकड़ी में छिपाकर निश्चित ठिकाने तक पहुंचा देते हैं। विभाग के जिम्मेदार अवैध कटान से अंजान बने हैं। यही कारण है कि पिछले छह माह में जिम्मेदारों के हाथ मामूली लकड़ी तस्कर हाथ लगे हैं।

सूत्रों की माने तो जंगलों में माफिया की ओर से जलौनी के नाम पर पेड़ों को काटकर पहले ठूठ बनाया जाता है। इसके बाद उन्हें जड़ से काटकर बेचा जा रहा है। इसका नजारा वन रेंज क्षेत्र के बसौली बीट के जंगलों में देखा जा सकता है। माफिया पहले पेड़ों की डाल व ऊपर के हिस्से को कुल्हाड़ी से काट कर छांट देते हैं। इसके बाद उसे सूखने के लिए छोड़ देते है। फिर विभागीय कर्मचारियों से मिलकर पेड़ों को काटने के बाद उसकी जड़ों को खोदकर मिट्टी डाल दी जाती है। माफिया पेड़ों को जलौनी के रूप में आसपास के क्षेत्रों में महंगे दामों पर बेच देते हैं। ऐसा नजारा मधवलिया रेंज के सभी वीटों में देखा जा सकता है। वहीं नाम न छापने की शर्त पर एक वनकर्मी ने बताया कि पेड़ों को पहले छाटने से कटान के दौरान पेड़ आसानी से गिर जाते हैं। इससे आसपास के पेड़ों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इससे जांच के दौरान यह भी पता नहीं चलता कि यहां कभी पेड़ भी था।

निचलौल वन विभाग एसडीओ आरसी मलिक का कहना है कि कटान की हमें कोई जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि इस तरह का मामला पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।

आंकड़े दर्शा रहें जिम्मेदारों की लापरवाही

विभाग के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मधवलिया वन रेंज क्षेत्र 7701.3 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिसमें छह बीट दुधराई प्रथम और द्वितीय,मधवलिया,बसौली,मनिकापुर, गनेशपुर है। जंगलों से अवैध कटान रोकने के लिए जिम्मेदारों की ओर से मई माह में तीन,जून में दो,तो जुलाई,अगस्त,सितंबर और अक्टूबर माह में एक-एक केस दर्ज किया गया है। ऐसे में बीते छह माह में जिम्मेदार महज नौ केस दर्ज कर खानापूर्ति कर पीठ थपथपा रहे हैं।

10 माह पहले कार से बरामद हुआ था छह बोटा सागौन

बीते पांच जनवरी 2023 की बात करें तो सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के पकड़ी रेंज के कटहरा जंगल क्षेत्र से कार से लकड़ी की तस्करी का मामला पकड़ा गया था। वनकर्मियों ने तस्करों की कार के पहिये में गोली मारकर तस्करी की लकड़ी बरामद की थी। तस्कर कार छोड़कर फरार हो गए थे। कार में छह बोटा सागौन की लकड़ी मिली मिली। वन विभाग ने छह आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। तस्कर लकड़ी गोरखपुर ले जा रहे थे।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

Leave a Reply