रतन गुप्ता उप संपादक
भाजपा महासचिव सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल के अनुसार समान काम के लिए समान वेतन प्राप्त करना जन प्रतिनिधियों समेत सभी का संवैधानिक अधिकार है।यह विचित्र है कि भारत में जन प्रतिनिधियों के दो वर्ग बन गए हैं।एक तरफ मंत्रियोंसांसदों-विधायकों को कानूनी प्रविधान के जरिये वेतन-भत्ते और पेंशन मिलती है लेकिन दूसरी ओर ग्राम प्रधानों से लेकर नगर निगमों के महापौरों के लिए पेंशन की व्यवस्था नहीं की गई है।
सदस्य ने कहा- सभी की हो आर्थिक रूप से सशक्तीकरण
भाजपा महासचिव और सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल भाजपा महासचिव और सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने सांसदों-विधायकों की तरह ग्राम प्रधानों से लेकर नगर निगम के महापौरों के लिए भी वेतन-भत्ते और पेंशन दिए जाने की वकालत की है। राज्यसभा सदस्य अग्रवाल ने मंगलवार को शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी संवैधानिक व्यवस्था की जानी चाहिए।
अग्रवाल के अनुसार समान काम के लिए समान वेतन प्राप्त करना जन प्रतिनिधियों समेत सभी का संवैधानिक अधिकार है। यह विचित्र है कि भारत में जन प्रतिनिधियों के दो वर्ग बन गए हैं। एक तरफ मंत्रियों, सांसदों-विधायकों को कानूनी प्रविधान के जरिये वेतन-भत्ते और पेंशन मिलती है, लेकिन दूसरी ओर ग्राम प्रधानों से लेकर नगर निगमों के महापौरों तक किसी के लिए भी संवैधानिक रूप से वेतन-भत्ते और पेंशन की व्यवस्था नहीं की गई है।
प्रधानों और महापौरों को नहीं किया गया आर्थिक सशक्तीकरण
संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के जरिये प्रधानों और महापौरों को सशक्त तो किया गया, लेकिन उनका आर्थिक सशक्तीकरण नहीं किया गया। इसके लिए प्रशासनिक तंत्र पर उनकी निर्भरता उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करती है।