महराजगंज के भिटौली से युवक को भेजा कतर खाना, बिरयानी बनाने, चरा रहे हैं ऊंट


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज। भिटौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी जितेंद्र को एजेंट ने खाना बनाने का काम बताकर कतर भेज दिया, लेकिन सऊदी में उन्हें ऊंट चराने का काम दिला दिया। जितेंद्र ने फोनकर पत्नी को अपनी पीड़ा बताई। वहां खाने के लिए उन्हें सूखी रोटी मिल रही है। आरोप है कि पीड़ित की पत्नी ने जब इसकी शिकायत एजेंट से की उसने पत्नी को ही जान से मारने की धमकी दे डाली। शिकायत मिलने पर पुलिस ने जगदीशपुर थाना भिटौली निवासी कमरुद्दीन व तरकुलवा तिवारी निवासी शाहआलम पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

भिटौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी राजनंदनी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके पति जितेंद्र को विदेश भेजने के नाम पर दो एजेंट जगदीशपुर थाना भिटौली निवासी कमरुद्दीन व तरकुलवा तिवारी निवासी शाहआलम ने भोजन बनाने का काम बताया। आरोपियों ने बताया था कि इसके बदले अच्छी सैलरी मिलेगी। झांसा देकर एजेंटों ने पति को जगदीशपुर गांव में बुलाकर 1,20,000 रुपये ले लिया। इसके बाद उनको सऊदी में रेगिस्तान में ऊंट चराने के लिए भेज दिया।

राजनंदनी ने बताया कि हमारे पति वहां जाकर फंस गए हैं। वहां जाने के बाद पति को न तो खाना मिल रहा और न रकम मिल रही है। पति ने किसी तरह से फोन कर इसकी जानकारी दी। सच्चाई जानने के बाद दोनों एजेंटों के घर जाकर पूरी बात बताई तो झगड़ा करने लगे। एजेंट न तो पति को घर बुलवाने की बात कर रहे हैं और न तो पैसा दे रहे हैं।
प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपी कमरुद्दीन निवासी जगदीशपुर थाना भिटौली व शाहआलम निवासी तरकुलवा तिवारी थाना भिटौली के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।
क्या बरतें सावधानियां

  • जॉब ऑफर देने वाले एजेंट का रजिस्ट्रेशन देखें
  • भारत सरकार की निर्धारित बीस हजार रुपये फीस ही दें
  • सारा पेमेंट चेक से करें और रसीद जरूर लें
  • सादे कागज पर दस्तखत करके न दें
  • इंप्लायमेंट कांट्रेक्ट की शर्तें पढ़ें, ठीक लगने पर दस्तखत करें
  • वीजा लगने के बाद पासपोर्ट, कान्ट्रेक्ट व एजेंट का ब्यौरा परिजनों के पास छोड़ें
    कैसे होती है धोखाधड़ी
    कोई भी रिक्रूटमेंट एजेंट भारत के किसी युवा को विदेशी कंपनी में नौकरी दिलाने का ऑफर तभी दे सकता है, जब उसके पास विदेशी कंपनी की पॉवर ऑफ अटॉर्नी हो। पर होता यह है कि मुंबई का रिक्रूटर विदेश का दौरा कर नौकरी फाइनल करता है, उसे पॉवर ऑफ अटॉर्नी मिल जाती है। वह आगे उसकी कॉपी दिल्ली के एजेंट को देता है। वह कॉपी एजेंट को देता है। जब वह एजेंट किसी नौजवान से डील करता है तो उसके पास अपने नाम की पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं होती।

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