रतन गुप्ता उप संपादक
सोनौली बार्डर से तस्करी रोकने में एसएसबी पुलिस ,कस्टम ,पुरी तरह फेल है तस्करों के आगे किसी का कुछ नहीं चल पा रहा है चीनी ,कपड़ा,आलू ,प्याज , चावल प्रतिदिन टक का टक समान कैरियर से नेपाल पहुंच रहा है । यह रुटीन का तस्करी है । जो हर दिन जाना है ।
घरेलू उत्पादन के बाद भी भारतीय फल सब्जियों पर निर्भर नेपाल को भारत सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर रोक लगाने के बाद भारत नेपाल सीमा से प्याज की तस्करी शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो सरहद पर पहुंची प्याज की गाड़ियों को वापस करने के बाद उक्त ट्रकों को सीमावर्ती गांव में डंप कर दिया गया और फिर पगडंडियों के रास्ते नेपाल भेजा जा रहा है। नेपाल के लोग अधिकांश भारतीय खाद्य पदार्थ पर निर्भर हैं। इसके चलते इन खाद्य पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। खुली सीमा होने के कारण तस्कर इसका फायदा उठा रहे हैं।
भारत में बढ़ती कीमतों के कारण शुक्रवार से भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगी है। दोगुना लाभ के लिए तस्कर नेपाल में प्याज की तस्करी में महिलाओं व बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिन्हें साइकिल से 45 से 50 किलो के एक बोरी प्याज के लिए एक खेप में 300 रुपए दिए जाते हैं। नेपाल में अभी प्याज भारतीय मुद्रा में 120 रुपया प्रति किलो बिक रहा है, जबकि आलू भी भारतीय मुद्रा में 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। भारतीय क्षेत्र में इसकी कीमत 60 रुपया प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। नेपाल में भारतीय प्याज की मांग बहुत ज्यादा है। नियम है कि खाद्य पदार्थों का कारोबार बिना आयात-निर्यात प्रपत्र के न किया जाए। इसके बावजूद इन प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों का कारोबार बिना प्रयोगशाला के तस्करी धड़ल्ले से हो रहा है। निगरानी के लिए नेपाल की खुली सीमा पर सुरक्षा कर्मी सक्रिय हैं। इसके बावजूद तस्करी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सीमा क्षेत्र से चोरी छिपे खाद्य पदार्थ विभिन्न वाहनों से नेपाल को भेजा जा रहा है। सीमा पर सक्रिय तस्कर महिलाओं और बच्चों को कैरियर के रूप में इस्तेमाल कर उनके माध्यम से यह खेप भेजने में लगे है। तस्कर सीमावर्ती गांव की पगडंडियों के सहारे नेपाल में प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों को पहुंचा रहे हैं। जिसके चलते प्रतिदिन हजारों के राजस्व का चूना लग रहा है। अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि छापा डालकर समय समय पर कार्रवाई की जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्र में कड़ी निगरानी की जा रही है।
नेपाल में वैट कर के बाद आलू प्याज के दो गुना बढ़ा दाम
नेपाल में बजट घोषणा के बाद सब्जी के दामो दोगुनी बढ़ोतरी हुई है । दाम में बेतहासा वृद्धि के पीछे नेपाल सरकार द्वारा आलू प्याज समेत कई सब्जी और फल के आयात पर 13 प्रतिशत वैट कर लगाने को प्रमुख वजह बताया जा रहा है। जिसमे आलू और प्याज के लिए भारत से नेपाल के लिए एक्सपोर्ट दो प्रतिशत रह गया है।
वैट कर से भारत के व्यापारियों का नुकसान
नेपाल सरकार ने आलू प्याज पर 13 प्रतिशत वैट कर भंसार कार्यालय में लेना शुरू कर दिया है। जिससे नेपाल के कारोबारियों ने भारत से आलू प्याज का आयात बंद कर हड़ताल शुरू कर दिया जिससे भारत के किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। एक सप्ताह पहले केवल सोनौली सीमा से 25 से 30 गाड़ी आलू प्याज नेपाल को निर्यात होता था। लेकिन अभी यह संख्या छह से आठ गाड़ी पर आ गई है। जहां नेपाल सरकार को एक गाड़ी पर करीब 85 हजार भारतीय मुद्रा के बराबर कस्टम ड्यूटी से राजस्व मिल रहा है।
नेपाल में ज्यादातर सब्जियां भारत से ही जाती हैं
सोनौली आलू प्याज के व्यापारी सन्नी गुप्ता, वकील अहमद, सोनू खान, पुनीत कुमार ने बताया कि नेपाल सरकार ने अपने वार्षिक बजट में सब्जियों पर आयात पर 13 फीसदी वैट लगा दिया था। नेपाल में ज्यादातर सब्जियां भारत से ही जाती हैं। नेपाल सरकार के इस कदम से वहां आलू प्याज के दाम बढ़ गए। जिसका खामियाजा आम नेपाली जनता को भुगतना पड़ रहा है। सभी ने बताया कि प्रतिदिन 2.5 करोड़ के व्यापार का नुकसान हो रहा है। पहले 40 से 50 गाड़ी निर्यात होती थी। अब 25 से 30 हो रही है। लेकिन प्याज पर रोक के बाद यह कारोबार बंद हो जाएगा। कारोबारियों ने बताया कि भारत के कानपुर, कन्नौज और फरुखाबाद से आलू और इंदौर , नासिक से प्याज व्यापारी खरीद कर नेपाल निर्यात करते थे।