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कैसी होती है संसद की सुरक्षा? जिसे तोड़कर लोकसभा में अंदर कूद गए दो शख्स मचा है हड़कंप

रतन गुप्ता उप संपादक
आज यानी 13 दिसंबर को संसद हमले की 22वीं बरसी के दिन 22 साल बाद फिर डरा देने वाली घटना सामने आई है। राजधानी दिल्ली में संसद भवन की सुरक्षा में बड़ी चूक की घटना घटी।——

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो शख्स सुरक्षा घेरा तोड़कर सदन के अंदर दाखिल हुए और दर्शक दीर्घा से कूदकर स्प्रे से लोकसभा के भीतर धुआं फैला दिया था। इस घटनाक्रम से पूरे संसद में अफरा-तफरी का माहोल हो गया।

लोकसभा में घटी इस घटना को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है, जो कि लोकसभा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में जानिए कैसी होती है संसद की सुरक्षा? जिसे तोड़कर लोकसभा में अंदर कूद गए दो शख्स।

कितनी लेयर की होती है संसद में सुरक्षा?

वैसे तो संसद की सुरक्षा का मोटे तौर पर जिम्मा पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस का है। ये सुरक्षा तीन लेयर में होती है। सिक्योरिटी में सीआरपीएफ (CRPF), दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और संसद की अपनी सुरक्षा टीम तैनात रहती है।

सबसे पहले दिल्ली पुलिस होती है तैनात

तीन लेयर की सुरक्षा के तहत संसद के बाहरी सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस का होता है। आसान भाषा में समझे तो अगर कोई संदिग्ध संसद भवन में घुसने की हिमाकत करता है तो सबसे पहले दिल्ली पुलिस से उसका सामना होगा।

पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप का जिम्मा

इसके बाद दूसरी सुरक्षा परत पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप का होता है। फिर तीसरा पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस का होता है। बता दें कि पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस राज्यसभा और लोकसभा के लिए अलग-अलग होती है।

ज्वाइंट सेक्रेटरी की कड़ी नजर

वहीं ज्वाइंट सेक्रेटरी (सुरक्षा) के हाथों में पूरी संसद की सुरक्षा होती है, यह टीम पूरे संसद परिसर की सुरक्षा पर निगरानी रखती है। इसके बाद दोनों सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा के अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी भी होती हैं, जो सुरक्षा के इंतजामों पर कड़ी नजर रखते हैं।

विजिटर्स के लिए क्या होता है सिक्यॉरिटी प्रोसेस?

आपक बता दें कि संसद में आम लोग लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही देखने के लिए विजिटर्स के तौर पर एंट्री कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए किसी सांसद द्वारा रिकमंडेशन होना जरूरी है। इसके बाद एक पास बनता है, जिस पर उस सांसद का नाम लिखा होता है जिसने विजिटर्स के नाम का अप्रूवल दिया होता है।

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विजिटर पास के साथ संसद में एंट्री ले सकता है, लेकिन इससे पहले गेट पर चेकिंग प्रोसेस से गुजरना होता है। जहां मोबाइल सहित दूसरे इलेक्ट्रोनिक गैजेट जमा कर लिए जाते हैं। इसके बाद अंदर एंट्री मिलती है। इसके बाद दो लेयर चेकिंग से भी आने जाना पड़ता है। फिर संसद के सदन में कार्यवाही देखने है, उसके बारे में बताना होता है, जिसके बाद फिर चेकिंग होती है और फिर एंट्री मिलती है।

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