भारत नेपाल बार्डर पर जवानों ने नेपाल जाने से रोका गन्ना, चार घंटे तक किसानों ने दिया धरना


रतन गुप्ता उप संपादक

निचलौल। बैलगाड़ी से गन्ना लेकर नेपाल जा रहे किसानों को बृहस्पतिवार को एसएसबी जवानों ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर रेंगहिया गांव के सामने रोक दिया। इससे किसान भड़क उठे और बॉर्डर पर ही धरने पर बैठ गए। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई और किसानों को समझाने का प्रयास किया। मगर वह अपनी जिद पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि अगर गन्ना नहीं बेचेंगे तो आगे की फसल की बुआई कैसे करेंगे। इसके बाद निचलौल थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह के साथ मौके पर पहुंचे एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्र ने किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान कराने का आश्वासन दिया। करीब चार घंटों के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया और बैलगाड़ी लेकर घर लौट गए।

बैलगाड़ी पर गन्ना लेकर बॉर्डर पर पहुंचे किसान सुख्खू यादव, सत्यनारायन, मृगेंद्र भारती, नरेंद्र चौहान, कैलाश गुप्ता आदि ने कहा कि कई वर्षों से जेएचवी शुगर मिल बंद है। ऐसे में एलाट शुगर मिलों की ओर से मनमानी की जा रही है। इसके चलते सीमावर्ती क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं। किसी के बच्चे की स्कूल की फीस तो किसी को शादी को लेकर रकम की जरूरत है। इतना ही गन्ने की फसल को खेतों से सफाई कर गेहूं और तिलहन की बुआई करनी है। ऐसे में किसान मजबूर होकर कम दाम पर पड़ोसी देश नेपाल में गन्ने बेचने के लिए मजबूर हैं। मगर किसानों का दर्द समझने वाला कोई नहीं है। गन्ने की समय से खरीदारी भी नहीं होगी और न ही उसे नेपाल ले जा सकते हैं। फिर किसान खेतों में खड़ी गन्ने की फसल का क्या करेंगे। नाराजगी जताते हुए कहा कि जिम्मेदार सरकार के फरमान का पालन कराने में जुटे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्रा ने कहा कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया। उसके बाद निस्तारण का आश्वासन देने पर किसान गन्ना लेकर घर लौट गए। वहीं मामले में एलाट शुगर मिल पिपराइच के केन मैनेजर को इंडेंड बढ़ाने के लिए निर्देश दिया गया है।

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