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यूपी के बाद महाराष्ट्र में हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन की मांग, मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने जताया विरोध

रतन गुप्ता उप संपादक
उत्तर प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन की मांग शुरू हो गई है। इस बाबत राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक खत लिखा गया है। इस खत में मांग की गई है कि राज्य में हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट्स पर बैन लगाई जाए।

यूपी के बाद महाराष्ट्र में हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन की मांग—–
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर पाबंदी लगाने की मांग की जाने लगी है। सत्तापक्ष एकनाथ शिंदे की शिवसेना गुट के विधायक और हिंदूवादी संगठनों ने ये मांग की है। इस मांग को लेकर एक पत्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखा गया है। महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान शिवसेना शिंदे गुट के विधायक प्रताप सरनाईक, मनीष कायदे साथ ही हिंदू जनजागृति समिति ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र में हलाल सर्टिफिकेट पर पाबंदी लगाई जाए।

शिवसेना नेता और हिंदूवादी संगठनों के इस मांग पर मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने विरोध जताया है। इस बाबत वारिस पठान ने कहा कि सरकार बेवजह ही किसी मुद्दे को तूल दे रही है। उनका कहना है कि सरकार हिंदू-मुस्लिम में झगड़ा लगाने का काम कर रही है। हलाल सर्टिफिकेट पहले से दिया जाता है। सरकार हिंदू तुष्टिकर और वोटबैंक की राजनीति कर रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने इस बाबत कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों की मांग और हिंदूवादी संगठनों की मांग के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया है।
मुसलमान हलाल खाता है इसलिए सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नफरत के पुजारियों के इस तरह का काम बंद कर देना चाहिए। ये वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कपड़ों पर हलाल-हराम नहीं होता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को उन्होंने दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा कि बांग्लादेश गायें बहुत जा रही हैं। उन्हें बेचने वाले हिंदू ही हैं। मुंह में राम बगल में छुरी कैसे चलेगा। ये रोकना चाहिए।

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