रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल और भारत के बीच नवंबर में व्यापार समझौता नवीकरण हुआ है । इस नवीकरण को लेकर अब नेपाल ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार समझौते में उसकी कई चिंताएं हैं। इस समझौते पर नेपाल और भारत के बीच व्यापार पर बनी सब कमेटी की बैठक में सहमति बनी थी। नेपाली विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल ने नवंबर में बड़ा मौका खो दिया जब इस संधि का नवीनीकरण हो रहा था। उन्होंने कहा कि इस संधि के कई प्रावधानों में बदलाव की जरूरत है ताकि द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाया जा सके।
नेपाल और भारत के बीच साल ज्ञढठड में संधि हुई थी और नवंबर द्दण्द्दघ में इस संधि का बिना किसी बदलाव के नवीनीकरण हुआ है। यह संधि प्रत्येक ठ साल में नवीनीकरण होती है। नेपाल के वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव राम चंद्र तिवारी ने कहा, ुदोनों ही पड़ोसी देश व्यापार समझौते की समीक्षा करके व्यापार और पारगमन को लेकर चल रहे मुद्दों की समीक्षा पर सहमत हुए थे।ु उन्होंने कहा कि इस समीक्षा के लिए अभी कोई तिथि तय नहीं है लेकिन जल्दी नहीं होने जा रही है। इस बातचीत में शामिल अधिकारियों का कहना है कि द्विपक्षीय व्यापार, पारगमन, कस्टम, फूड टेस्टिंग लैब समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई है।
तिवारी ने कहा कि नेपाल के सामानों को भारतीय बाजारों में पहुंचने में आ रही बाधाओं को दूर करने पर सहमति बनी है। नेपाल पक्ष ने कहा कि भारत कई फूड आइटम जैसे गेहूं, चावल, चीनी और प्याज के निर्यात पर बार बार बैन लगा रहा है। इस बैन की वजह से नेपाल में महंगाई और तस्करी बढ़ी है। नेपाली विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक सब्सिडी वाले भारतीय कृषि सामानों पर नेपाली पक्ष कर लगा सकेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल भारत के सामानों को बिना कोई टैक्स लगाए प्रवेश को बहुत दिनों तक बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।
भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और यह कुल व्यापार का टछ प्रतिशत है। भारत से नेपाल का आयात लगातार हर साल बढ़ता जा रहा है। यह साल द्दण्द्दज्ञ(द्दद्द में ज्ञ।द्दण् ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया। वहीं नेपाल ने भारत को ज्ञण्ट अरब रुपये का सामान निर्यात किया है। इस समय नेपाल का भारत के साथ व्यापार घाटा ढद्दज्ञ अरब रुपये है। इसको लेकर नेपाली पक्ष टेंशन में है। इसे कम करने की मांग उठ रही है।