रतन गुप्ता उप संपादक
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में गिरोह का सरगना भानु प्रताप है। भआनू यहां गोमतीनगर विस्तार रिश्ता अपार्टमेंट में रहता था। मूल रूप से मऊ जनपद के घोषी इलाके के बुजुर्ग पकड़ी गांव का रहने वाला है। उसका साथी सतेंद्र भदोई जनपद के पटखनी गोपीगंज का है। गिरोह के अन्य जालसाजों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड उत्तर प्रदेश के नाम से राजधानी के पॉश इलाके विभूतिखंड में दफ्तर खोलकर बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो को एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। गिरोह का सरगना खुद को केंद्र सरकार में तैनात आईएएस बताकर बेरोजगारों को झांसे में लेता था। उनकी सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था।
सैकड़ों बेरोजागरों से गिरोह के जालसाज करोड़ों की ठगी कर चुके है। एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपितों में गिरोह का सरगना भानु प्रताप है। भआनू यहां गोमतीनगर विस्तार रिश्ता अपार्टमेंट में रहता था। मूल रूप से मऊ जनपद के घोषी इलाके के बुजुर्ग पकड़ी गांव का रहने वाला है। उसका साथी सतेंद्र भदोई जनपद के पटखनी गोपीगंज का है।
गिरोह के अन्य जालसाजों की तलाश में दबिश दी जा रही है। जालसाजों के पास से पांच मोबाइल, दो लक्जरी कार, 100 ग्राम विकास सहकारी समिति के आवेदनपत्र, नियुक्ति पत्र, कई अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रपत्र आदि बरामद हुए हैं। गिरोह के लोग सरकारी महकमों में नियुक्ति कराने और संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगारों को ठगते थे
भानु खुद को बताता था IAS अधिकारी, देता था फर्जी नियुक्ति पत्र
सरगना भानु खुद को आईएएस अधिकारी बताता था। वह एक्सयूवी और अन्य लक्जरी कार से चलता था। होटल में और अपने दफ्तर में बेरोजगारों का इंटरव्यू लेता था। भानु के पहुंचते ही उसके गिरोह के लोग सर-सर कहकर उसकी आवाभगत शुरू कर देते थे। एक व्यक्ति से नियुक्ति के नाम पर दो से पांच लाख रुपए या स्थाई नियुक्ति के नाम पर 10 लाख रुपए तक लेते थे। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे।