रतन गुप्ता उप संपादक
भारत नेपाल बार्डर के नौतनवा मे खून निकाल कर नेपाल के एक मेडिकल कालेज में बेचा जा रहा है । सीमावर्ती लोगों को पैसा का लालच देकर खून निकाल कर दो गुने रेट पर नेपाल भेजा जा रहा है । बी निगेटिब ग्रुप ब्लड बहुत मंहगे रेट में बिक रहे हैं । इस खून के कारोबार में बहुत बड़े गैंग के लोग सामिल खून का कारोबार करोड़ों में चल रहा है ।
गोरखपुर एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस ने खून माफिया गिरोह में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजवा दिया है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है, जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मजदूरों को रुपये का लालच देकर उनका खून बेचने वाले गिरोह के एक और शातिर को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने के बाद से पुलिस तीन आरोपियों को जेल भेजवा चुकी है। अब भी गिरोह में शामिल तीन शातिर फरार हैं, जिनकी तलाश में टीमें लगी हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
पकड़े गए आरोपी की पहचान मुगलहा निवासी रामआशीष के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने एक मजदूर के सामने आने के बाद केस दर्ज कर पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया था। मुख्य आरोपी वसील समेत छह लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था, लेकिन फिर वह जमानत पर बाहर आ गए थे।
इसके बाद पुलिस ने गिरोह पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया तो फिर सड़क पर उतरे लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था, लेकिन पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजवा दिया था। अब पुलिस ने तीसरे आरोपी रामआशीष को भी गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के कमता बुजुर्ग निवासी गोरख चौहान ने केस दर्ज कराया था। उसने पुलिस को बताया था कि गोरखनाथ पुल के नीचे रहकर वह मजदूरी करता है। अगस्त में गोरखनाथ चौक से मजदूर गोरख चौहान को एक यूनिट ब्लड देने के लिए आठ हजार रुपये का लालच देकर गैंग का शातिर वसील खान निवासी जाफरा बाजार बिंद टोला थाना तिवारीपुर अपने गैंग के लीडर केशवदेव निवासी कम्हरिया खुर्द थाना फरेंदा जिला महराजगंज के हवाले कर दिया।
केशवदेव गोरख चौहान को मेडिकल काॅलेज के ब्लड बैंक में ले जाकर एक यूनिट ब्लड निकलवाकर मजदूर को 11 सौ रुपये दिया और शेष पैसा मांगने पर थप्पड़ मारकर खदेड़ दिया, जबकि खून 18,000 रुपये में बेचा था। 27 अगस्त 2023 को गुलरिहा पुलिस गोरख चौहान की तहरीर पर केशवदेव और वसील खान के खिलाफ केस दर्ज किया था।
जांच में और नाम सामने आने पर की थी गई गैंगस्टर की कार्रवाई
पुलिस की जांच में गैंग के अन्य चार शातिर मोहम्मद रफीउद्दीन निवासी पचपेड़वा निबियहवा टोला थाना गोरखनाथ, रजनीश यादव निवासी बोडिया सुलतान कोतवाली देवरिया, सिबातुल्लाह उर्फ अब्दुल निवासी बसता टोला किशनगंज बिहार, रामआशीष निवासी मुगलहा थाना गुलरिहा का नाम प्रकाश में आने पर चारों शातिरों का नाम बढ़ा दिया गया।
रामआशीष बीआरडी के ब्लड बैंक में लैब अटेंडेंट के पद पर कार्य करते हुए गैंग के सरगना से मिला हुआ था। जिसे गुलरिहा पुलिस ने सोमवार की सुबह सरैया से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। 11 जनवरी को खून चुसवा गैंग के लीडर केशवदेव समेत गैंग के छह शातिरों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी, जिसमे गैंगस्टर एक्ट में अभियुक्त वसील खान और मोहम्मद रफीउद्दीन को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज चुकी है।
एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस ने खून माफिया गिरोह में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजवा दिया है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है, जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।