सामूहिक दुष्कर्म के अभियुक्तों को 30-30 साल की सजा, GRP में दर्ज कर किया गया था केस


रतन गुप्ता उप संपादक

गोरखपुर
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद्र पांडेय ने कहा कि गंभीर अपराध में साक्ष्यों के साथ कोर्ट में पैरवी की गई। शासन की मंशा है कि आखिरी व्यक्ति को भी समय पर न्याय मिले, उसके अनुसार कम समय में तेज पैरवी से अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। अभियुक्तों को 30-30 साल की सजा कोर्ट से हुई है।

रेलवे स्टेशन पर युवती से सामूहिक दुष्कर्म के तीन अभियुक्तों को सोमवार को सिविल कोर्ट से 30-30 साल की सजा सुनाई गई। तीनों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।

17 महीने में कोर्ट से पीड़िता को इंसाफ मिला है। इस मामले में जीआरपी ने साक्ष्यों के साथ सात दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की थी। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने के लिए पत्र भेजा था। अब कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को सजा सुना दी है।
जानकारी के मुताबिक, सात सितंबर 2022 की रात धर्मशाला पुल के नीचे तीन युवकों ने मिलकर महाराजगंज की युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था। घटना के बाद खून से लथपथ पीड़िता पैदल ही जीआरपी थाने पहुंची थी। पुलिस ने केस दर्ज किया तो पता चला कि महाराजगंज की रहने वाली युवती घर से नाराज होकर गोरखपुर आई थी।

यहां धर्मशाला के आस-पास ही युवती रह रही थी। सात सितंबर की रात युवती को रेलवे स्टेशन पर धर्मशाला पुल के नीचे झाड़ियों में ले जाकर तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने इस घटना के आरोपियों सलेमपुर निवासी राजा अंसारी उर्फ इम्तियाज, बशारतपुर निवासी संतोष चौहान और बेगूसराय बिहार निवासी अंकित पासवान को गिरफ्तार कर लिया था।

पुलिस ने जांच कर सात दिन के भीतर 14 सितंबर 2022 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। साथ ही तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। इस चर्चित मामले में सरकारी अधिवक्ता और पुलिस की पैरवी की मदद से महज 17 माह से भी कम दिनों में ही अभियुक्तों को कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई।
बचाव के अधिवक्ता ने कम उम्र का दिया हवाला
अभियुक्तों को बचाने के लिए उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि अभियुक्तगण नवयुवक हैं और यह उनकी पहली गलती है, इनके ऊपर परिवार के खर्चे की जिम्मेदारी भी है। पकड़े जाने के बाद पहले दिन से अब तक सभी अभियुक्त जेल की सजा काट रहे हैं, अभियुक्तों में राजा अंसारी उर्फ इम्तियाज 22 वर्ष, बशारतपुर निवासी संतोष चौहान 21 वर्ष और बेगूसराय बिहार निवासी अंकित पासवान की उम्र लगभग 19 वर्ष है। लेकिन कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना और अभियुक्तों को 30-30 साल की सजा सुनाई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद्र पांडेय ने कहा कि गंभीर अपराध में साक्ष्यों के साथ कोर्ट में पैरवी की गई। शासन की मंशा है कि आखिरी व्यक्ति को भी समय पर न्याय मिले, उसके अनुसार कम समय में तेज पैरवी से अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। अभियुक्तों को 30-30 साल की सजा कोर्ट से हुई है।

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